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नोटबंदी पर टॉलीवुड ने बनायी पहली फिल्म, कोयलांचल पर आधारित है ‘शून्यता’

नोटबंदी के कारण आम जनता को हो रही परेशानियों को लेकर अबतक बयानबाजी, सड़कों पर जुलूस प्रदर्शन तथा संसद के दोनों सदनों में हंगामा होता रहा है. सिनेमा के रूपहले पर्दे पर इसको उतारा है वेस्ट डेबुटेंट डायरेक्टर का अवार्ड जीत चुके सुवेन्दू घोष (राज) ने. इसकी शूटिंग सात दिनों में रानीगंज के निकट खदान […]

नोटबंदी के कारण आम जनता को हो रही परेशानियों को लेकर अबतक बयानबाजी, सड़कों पर जुलूस प्रदर्शन तथा संसद के दोनों सदनों में हंगामा होता रहा है. सिनेमा के रूपहले पर्दे पर इसको उतारा है वेस्ट डेबुटेंट डायरेक्टर का अवार्ड जीत चुके सुवेन्दू घोष (राज) ने. इसकी शूटिंग सात दिनों में रानीगंज के निकट खदान में पूरी की गयी है.
आसनसोल : केंद्र सरकार की नोटबंदी के निर्णय से आम जनता को हो रही परेशानियों को केंद्र कर बांग्ला फिल्मों के निदेशक सुवेन्दू घोष (राज) ने कोयलाचंल के खदान पर आधारित फिल्म ‘शून्यता (खालीपन)’ का निर्माण किया है. इस फिल्म की शूटिंग बीते 26 नवंबर को शुरू की गयी थी. रानीगंज के निकट एक खदान के पास सात दिनों के अंदर इसकी शूटिंग पूरी की गयी तथा अगले शुक्रवार को इस आम जनता के लिए जारी किया जायेगा. नोटबंदी पर देश की किसी भी भाषा में बननेवाली यह पहली फिल्म है तथा इसका श्रेय टालीबुड को ही जाता है. यहां के निदेशक तत्कालिक मुद्दों पर फिल्म निर्माण के लिए चर्चित हैं.
इस फिल्म के निदेशक श्री घोष की यह चौथी फिल्म है. इसके पहले वे ’भय’ तथा ‘चेतना’ जैसी फिल्मों का निर्माण कर चुके हैं. दुबई में कुछ समय पहले आयोजित गोवा इंटरनेशनल इफल्म फेस्टीबल में उन्हें वेस्ट डेबुटेंट डायरेक्टर का अवार्ड मिल चुका है. इस फिल्म में अभिनय करनेवाले कलाकारों में अरुण गुहाठाकुरता, अरिंदोल बागची, रूपाली तथा स्वर लिपि जैसी कलाकार हैं.इस फिल्म का प्रीमियर शो राज्य सरकार संचालित तथा कोलकाता महानगर में सांस्कृतिक गतिविधियों के मुख्य केंद्र रहे नंदन में आयोजित किया जायेगा. इसके बाद आगामी शुक्रवार को इसे रिलीज कर दिया जायेगा.
इस फिल्म के निर्माण के बारे में निदेशक श्री घोष ने कहा कि बीते आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पांच सौ और एक हजार रुपये के नोटों का प्रचलन बंद करने की घोषणा की.उन्होंने कहा कि बैंकों में 30 दिसंबर तक इनका प्रचलन जारी रहेगा. उस समय देश में चारों तरफ भ्रम की स्थिति थी. किसी की समझ में नहीं आ रहा था कि देश के सामने कौन सी स्थिति आनेवाली है. एटीएम सेंटरों तथा बैंक कार्यालयों के सामने लंबी-लंबी लाइनें लगने लगी थी. इस बीच खबर आयी कि बैंक कार्यालय के सामने रुपये के लिए लाइन में लगे एक वृद्ध की मौत हो गयी. उसी समय लगा कि यह किसी फिल्म के लिए अच्छी स्क्रिप्ट हो सकती है. इसी के बाद इस मुद्दे पर फिल्म बनाने का निर्णय लिया गया.
श्री घोष ने कहा कि इस फिल्म के कथानक के लिए कोयलांचल को चुना गया है. संक्षिप्त कहानी बताते हुए उन्होंने कहा कि इस फिल्म में मां तथा बेटी की कहनी है. दोनों रानीगंज कोयलांचल में काम करती हैं. बेटी की शादी होनेवाली है. विधवा मां ने अपनी बेटी की शादी के लिए जमीन बेच कर राशि बैंक में जमा कर रखी है.शादी की तैयारी शुरू होते ही केंद्र सरकार के स्तर से नोटबंदी के निर्णय की घोषणा हो जाती है तथा विधवा मां के सामने शादी को लेकर विषम परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है. इस स्थिति में उनके सामने आनेवाली विषम परिस्थितियों का ही चित्रण इस फिल्म में किया गया है.
एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि इस फिल्म के माध्यम से वे कोई राजनीतिक संदेश देना नहीं चाहते हैं. उनकी कोशिश है कि इस परिस्थिति को दर्शकों के सामने रख दिया जाये तथा दर्शक अपने स्तर से निर्णय लें. उन्होंने कहा कि देश में करेंसी के लेकर भारी संकट है. इसके कारण उत्पन्न परिस्थितियों को ही फिल्म के केंद्र में रखा गया है. फिल्म सिर्फ जमीनी हकीकत रखती है.उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नोटबंदी के खिलाफ पूरे देश में आंदोलन चला रही है. यदि वे इस फिल्म को देखती हैं तो निश्चय ही उन्हें काफी खुशी होगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने पांच सौ तथा एक हजार रुपये को नोटों को बैंकों में 30 दिसंबर तक लेने की घोषणा की है. इस कारण वे चाहते हैं कि इस फिल्म को 30 दिसंबर तक रिलीज कर दिया जाये. फिल्म की शूटिंग सात दिनों में पूरी की गयी है. आगामी शुक्रवार को यह फिल्म पर्दे पर होगी.

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