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पुलिस की हर तकनीक पर भारी अपराधियों की चाल
रांची : राजधानी में बड़ी घटनाओं को अंजाम देनेवाले अपराधियों के बारे में सुराग मिल सके, इसके लिए पुलिस नयी तकनीक का इस्तेमाल कर रही है. डीजीपी से लेकर अन्य पुलिस अधिकारियों ने हाल के दिनों में आम लोगों से अपनी दुकान, फ्लैट और सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी लगाने की अपील की. पुलिस के सुझाव […]
रांची : राजधानी में बड़ी घटनाओं को अंजाम देनेवाले अपराधियों के बारे में सुराग मिल सके, इसके लिए पुलिस नयी तकनीक का इस्तेमाल कर रही है. डीजीपी से लेकर अन्य पुलिस अधिकारियों ने हाल के दिनों में आम लोगों से अपनी दुकान, फ्लैट और सार्वजनिक स्थानों पर सीसीटीवी लगाने की अपील की.
पुलिस के सुझाव अौर पहल पर कई लोगों ने अपने यहां सीसीटीवी लगाये, ताकि घटना के बाद आरोपी का चेहरा पहचाना जा सके. हालांकि आजकल अपराधी सीसीटीवी से बचने के लिए हेलमेट और मास्क लगाने के अलावा टोपी पहन कर घटना को अंजाम दे रहे हैं. हाल के दिनों में किसी आपराधिक घटना के बाद घटनास्थल की जांच के लिए अलग से एफएसएल की फिंगरप्रिट टीम को भेजा जाने लगा.
पुलिस का मानना है कि फिंगरप्रिंट का मिलान पुराने अपराधियों से कर उनकी संलिप्तता के बारे में पता लगाया जाता है. अब अपराधी हैंडग्लब्स पहन कर घटना को अंजाम देने लगे हैं. मोबाइल नंबर के आधार पर अपराधियों के बारे में सुराग लगाने का प्रयास अब विफल होता जा रहा है. अपराधी दूसरे के नाम पर सिम कार्ड लेकर किसी घटना को अंजाम दे रहे हैं. इसके अलावा पेशेवर अपराधी आजकल मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं.
लव भाटिया पर हमला के आरोपी पेशेवर अपराधी शिव शर्मा ने हाल के दिनों में मोबाइल का प्रयोग किया था. हालांकि वह जानता था कि पुलिस मोबाइल नंबर का लोकेशन पता कर रात में छापेमारी करती है.
वह मोबाइल का प्रयोग शाम के बाद नहीं करता था. इसलिए पुलिस ने प्लान बदल कर शिव शर्मा को दिन में ही गिरफ्तार किया. इन बातों से स्पष्ट है कि अब अपराधी पहले की अपेक्षा अधिक पेशेवर तरीके से किसी घटना को अंजाम दे रहे हैं, जिस कारण वे तुरंत पुलिस की पकड़ में नहीं आ रहे हैं. पुलिस की हर तकनीक पर अपराधियों की चाल भारी पड़ रही है.
केस : एक
22 दिसंबर 2016 : गोंदा थाना क्षेत्र के गांधीनगर स्थित पीएनबी ब्रांच से चार अपराधियों ने रुपये लूट लिये. लगभग सवा तीन लाख रुपये की लूट हुई. चारों अपराधी हेलमेट और टोपी पहने हुए थे. जिस कारण बैंक में लगे सीसीटीवी से किसी का चेहरा नहीं पहचाना जा सका. बैंक का गेट खोलनेवाला अपराधी अपने हाथ में हैंडग्लब्स पहने था. इस वजह से किसी अपराधी का फिंगरप्रिंट नहीं मिला.
केस- दो
06 अक्तूबर 2016 : रातू थाना क्षेत्र के काठीटांड़ चौक स्थित झारखंड ग्रामीण बैंक से हेलमेट पहने छह अपराधियों ने चार लाख 38 हजार रुपये की डकैती की थी. बैंक में सीसीटीवी लगा था. अपराधियों का फुटेज भी आया, लेकिन चेहरा हेलमेट से ढका होने के कारण किसी अपराधी की पहचान नहीं हो सकी. किसी अपराधी ने मोबाइल तक का प्रयोग नहीं किया, जिस कारण घटना में कोई तकनीकी सुराग नहीं मिला.
केस- तीन
19 फरवरी 2016 : चुटिया थाना क्षेत्र के पावर हाउस चौक हनुमान मंदिर के समीप अपराधियों ने व्यवसायी और जमीन कारोबारी नरेश साहू उर्फ छोटू की गोली मार कर हत्या कर दी. घटना को अंजाम बाइक सवार तीन अपराधियों ने दिया. घटनास्थल के समीप लगे सीसीटीवी से तीनों अपराधियों का फुटेज निकाला गया था, लेकिन हेलमेट की वजह से उनकी पहचान नहीं हुई. अपराधियों ने मोबाइल फोन का भी प्रयोग नहीं किया था.
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