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जूट पार्क को पाट संग्रह करने की अनुमति देने का निर्देश

कोलकाता: जूट आयुक्त की अनुमति नहीं मिलने की वजह से शक्तिगढ़ जूट पार्क में पाट का संग्रह नहीं हो पा रहा था. इस संबंध में शक्तिगढ़ जूट पार्क प्रबंधन ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट के न्यायाधीश ने जूट आयुक्त को फटकार लगायी है और शक्तिगढ़ जूट पार्क में […]

कोलकाता: जूट आयुक्त की अनुमति नहीं मिलने की वजह से शक्तिगढ़ जूट पार्क में पाट का संग्रह नहीं हो पा रहा था. इस संबंध में शक्तिगढ़ जूट पार्क प्रबंधन ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट के न्यायाधीश ने जूट आयुक्त को फटकार लगायी है और शक्तिगढ़ जूट पार्क में कच्चा पाट संग्रह करने की अनुमति देने का निर्देश दिया है.
क्या कहा कोर्ट ने : कलकत्ता हाइकोर्ट के न्यायाधीश तापस मुखर्जी ने जूट आयुक्त के इस फैसले को विवेकहीन करार दिया और कहा कि जनवरी से शक्तिगढ़ जूट को पाट संग्रह करने की अनुमति अर्थात ‘परचेज कंट्रोल ऑर्डर’ देना होगा. राज्य के अन्य जूट मिल को जिस प्रकार से दैनिक पाट संग्रह की अनुमति दी गयी है, उसी प्रकार शक्तिगढ़ जूट पार्क को भी अनुमति देनी होगी.
क्या है मामला :
गौरतलब है कि राज्य सरकार की पहले से वर्ष 2013 में बर्दवान जिले के शक्तिगढ़ में बड़शूले के पास 25 एकड़ जमीन पर जूट पार्क (शक्तिगढ़ टेक्सटाइल एंड इंडस्ट्रीज लिमिटेड) की स्थापना की गयी है, जहां मुख्य रूप से जूट के बैग के साथ-साथ अन्य उत्पाद बनाये जाते हैं. केंद्र सरकार ने जूट टेकनोलॉजी मिशन के तहत इस जूट पार्क के स्थापना की अनुमति दी थी, लेकिन उसके बावजूद जूट पार्क को पाट संग्रह की अनुमति नहीं दी जा रही.

जूट पार्क प्रबंधन की ओर से यहां प्रत्येक दिन औसतन 70 मेट्रिक टन ‘परचेज कंट्रोल ऑर्डर’ की मांग की गयी है, लेकिन जूट अायुक्त ने पत्र लिख कर प्रबंधन को सूचित कर दिया था कि वह इस जूट पार्क के लिए पाट संग्रह करने की अनुमति नहीं दे सकते. इसके बाद प्रबंधन ने हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसकी सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने यह निर्देश दिया.

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