नयी दिल्ली : नोटबंदी के बाद पहले ही दिन से विपक्ष की मार झेल रही मोदी सरकार को अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने आड़े हाथों लिया है. चिदंबरम ने नरेंद्र मोदी के नोटबंदी के फैसले को मुद्दों को बगैर ठीक से समझे लागू किया गया फैसला बताया. उन्होंने कहा कि इस कवायद के ऐलान के वक्त केंद्र सरकार ने जिन उद्देश्यों को पूरा करने का दावा किया था, उसमें से एक में भी सफलता नहीं मिली. 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट अमान्य करने के पीछे केंद्र के मकसद पर निशाना साधते हुए चिदंबरम ने बिंदुवार बताया कि इससे काले धन, भ्रष्टाचार और जाली नोट पर लगाम नहीं लगाया जा सकता.
इतना ही नहीं मोदी सरकार पर निशाना साधने की कवायद में चिदंबरम ने इंदिरा गांधी के आपातकाल के फैसले का भी जिक्र किया. उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की मिसाल देते हुए नोटबंदी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहा कि जिस तरह इंदिरा ने कबूल किया था कि आपातकाल लगाना उनकी भूल थी, उसी तरह मोदी भी मान लें कि नोटबंदी एक ‘त्रुटिपूर्ण’ फैसला था.
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बयान का मजाक उड़ाने पर चिदंबरम ने कहा कि मजाक उड़ाने को तो वह भी मोदी का मजाक उड़ा सकते हैं, लेकिन वह ऐसा नहीं करेंगे और बेहतर होगा कि मोदी पूछे गये सवालों के जवाब दें. चिदंबरम ने कहा, ‘वह (राहुल) कह रहे हैं कि मेरा मजाक उड़ाइए, लेकिन लोगों के सवालों के जवाब दीजिए, सवाल के जवाब देना प्रधानमंत्री की ड्यूटी है. लेकिन वह (राहुल का) मजाक उड़ा रहे हैं और अभिनय कर रहे हैं.’ पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री चिदंबरम ने कहा, ‘मैं भी प्रधानमंत्री की तरह बोल सकता हूं. और मजाक उड़ा सकता हूं. लेकिन मैं ऐसा नहीं करुंगा क्योंकि वह भारत के प्रधानमंत्री हैं.’
नोटबंदी पर भाजपा सरकार और मोदी को आड़े हाथ लेते हुए उन्होंने कहा, ‘नोटबंदी एक ऐसा कदम है जिससे 45 करोड़ लोग भिखारियों जैसे बन गये और मध्यम वर्ग भी 45 दिन से परेशान है.’ एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने यहां कहा कि इससे कोई इनकार नहीं कर सकता कि नोटबंदी के कारण पैदा हुई परेशानियां और छह महीने कायम रहेंगी.
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