कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में आयकर विभाग की तलाशी अभियान में शामिल अधिकारियों की सुरक्षा में सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती के केंद्र के फैसले पर शनिवार को आपत्ति जताते हुए फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की. उन्होंने फैसले को असंवैधानिक, गैर-कानूनी और सहकारी संघवाद के सभी […]
कोलकाता : पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य में आयकर विभाग की तलाशी अभियान में शामिल अधिकारियों की सुरक्षा में सीआरपीएफ के जवानों की तैनाती के केंद्र के फैसले पर शनिवार को आपत्ति जताते हुए फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की. उन्होंने फैसले को असंवैधानिक, गैर-कानूनी और सहकारी संघवाद के सभी सिद्धांतों के खिलाफ बताया है.
इस संबंध में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह को लिखे एक पत्र में उन्होंने कहा कि किसी भी राज्य में केंद्रीय बल की तैनाती राज्य सरकार के आग्रह के बाद ही की जा सकती है. उन्होंने इस फैसले को तत्काल वापस लेने की मांग की. ममता ने साथ ही कहा कि केंद्र सरकार की किसी भी एजेंसी द्वारा आग्रह किये जाने पर राज्य सरकार और पुलिस बल सभी जरूरी सहायता और संरक्षण उपलब्ध करायेंगे. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इससे जुड़ा कोई भी पत्र नहीं मिला है. ममता ने कहा कि मीडिया की खबर की एक प्रति संलग्न की गयी है. देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी इस पत्र की प्रति भेजी गयी है.
गौरतलब है कि देश में काले धन को बाहर निकालने के लिए आयकर विभाग की ओर से लगातार छापेमारी की जा रही है, लेकिन इस छापेमारी अभियान में आयकर विभाग राज्य पुलिस की बजाय केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों को साथ ले जा रही है. इसी तर्ज पर, आयकर विभाग ने बंगाल में भी केंद्रीय सुरक्षा बलों के जवानों को साथ लेकर छापामारी अभियान चलाने का फैसला किया है. गौरतलब है कि आयकर विभाग ने केंद्र सरकार को पत्र लिख कर कहा था कि राज्य में पुलिस की कमी है, इसलिए केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों का भेजा जाय. इसके बाद केंद्र सरकार ने छापेमारी के लिए 15 सीआरपीएस जवानों को तैनात करने का निर्देश दिया. इससे पहले तमिलनाडु के पूर्व मुख्य सचिव के घर पर छापामारी के दौरान आयकर विभाग केंद्रीय सुरक्षा बल के जवानों को ही साथ लेकर गया था.
26 को तीन दिवसीय दौरे पर दिल्ली जायेंगी सीएम
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 26 दिसंबर को एक बार फिर नयी दिल्ली के दौरे पर जायेंगी और वहां एक बैठक में वह शिरकत करेंगी. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 26 से 28 दिसंबर तक दिल्ली में रहेंगी. तृणमूल कांग्रेस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ आंदोलन और तेज करने के लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी दिल्ली जा रही हैं.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हमेशा से ही केंद्र सरकार पर आरोप लगाती रही हैं कि केंद्र सरकार द्वारा राज्य को पर्याप्त मात्रा में नकदी नहीं भेजी जा रही है, तो वहीं दूसरी ओर नोटबंदी की वजह से लाखों लोग बेरोजगार हो गये हैं. साथ ही विमुद्रीकरण के फैसले से अब तक 100 से भी अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. इस लेकर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी केंद्र सरकार के विरोध में आंदोलन और तेज करेंगी. जानकारी के अनुसार, दिल्ली दौरे के दौरान ही मुख्यमंत्री अपने पंजाब दौरे की तालिका तय करेंगी. बताया जा रहा है कि इस दौरान पंजाब में होनेवाले चुनाव को लेकर मुख्यमंत्री के साथ बैठक हो सकती है. संभवत: पांच जनवरी के बाद सीएम पंजाब जायेंगी और वहां अमृतसर में रोड शो करेंगी. उन्होंने बताया कि 26 दिसंबर को दिल्ली में होनेवाली बैठक में पंजाब के लिए उम्मीदवारों का फैसला हो सकता है.