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ग्लोबल स्तरीय प्रतियोगिता में आरिफ टॉप

सर्टिफिकेट के साथ ही दो हजार अमेरिकी डालर का पुरस्कार भी आसनसोल इंजीनियरिंग कॉलेज ने सम्मानित किया सिविल छात्र को आसनसोल : आसनसोल इंजीनियरिंग कॉलेज के आडिटोरियम हॉल में आयोजित सम्मान समारोह में ग्लोबल स्तरीय प्रतियोगिता ‘इनोवेशन इन स्ट्रकचरल इंजीनियरिंग डिजाइन 2016’ में बेहतर प्रदर्शन करने वाले कॉलेज स्टूडेंट चौधरी आरीफ अहमद को पुरस्कृत किया […]

सर्टिफिकेट के साथ ही दो हजार अमेरिकी डालर का पुरस्कार भी
आसनसोल इंजीनियरिंग कॉलेज ने सम्मानित किया सिविल छात्र को
आसनसोल : आसनसोल इंजीनियरिंग कॉलेज के आडिटोरियम हॉल में आयोजित सम्मान समारोह में ग्लोबल स्तरीय प्रतियोगिता ‘इनोवेशन इन स्ट्रकचरल इंजीनियरिंग डिजाइन 2016’ में बेहतर प्रदर्शन करने वाले कॉलेज स्टूडेंट चौधरी आरीफ अहमद को पुरस्कृत किया गया. ग्लोबल स्तरीय ऑनलाइन प्रतियोगिता का आयोजन बेंटले इंस्टिच्यूट एकेडमिक सर्विसेज ने अक्तूबर माह में आयोजित किया था. जिसमें दुनिया भर से इंजीनियरिंग स्टूडेंटसों ने हिस्सा लिया था.
आसनसोल इंजीनियरिंग कॉलेज के सिविल विभाग के फाइनल वर्ष के स्टूडेंटस आरिफ को डिजाइन ऑफ हाइ राइज बिल्डिंग की पांच केटगरियों- ‘इनोवेशन इन रियलिटी मोडलिंग, विजूवलाइजेशन’ में बेहतर प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया. बेंटेल कंपनी के प्रतिनिधियों ने आरीफ को पुरस्कार स्वरूप प्रमाण पत्र और दो हजार यूएस डॉलर का चेक दिया.
प्राचार्य मदन गोपाल तियारी ने कहा कि ग्लोबल स्तरीय प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाकर आरीफ ने पूरे आसनसोल का नाम रोशन किया है. बेंटले कंपनी ने इंजीनियरिंग के स्टूडेंटस को अपने प्रतिभा दिखाने का एक मंच दिया है.
अवसर पर कॉलेज के डीन प्रबंधन आरएन दास, बेंटेल कंपनी के कोलकाता जोन के तकनीकी प्रमुख संजीव दास, प्रबंधक प्रिता भटटचार्या, प्रबंधक सिद्धार्थ पाठक आदि उपस्थित थे.
संथाली स्वीकृति दिवस पर कई कार्यक्रम
नितुरिया : खेरवाल समन्वय समिति ने नितुरिया थाना अंतर्गत रायबांध ग्राम पंचायत स्थित हाटतला मैदान में गुरु वार को संथाली भाषा को संबिधान की आठवीं सूची में शामिल किये जाने के लिए स्वीकृति दिवस मनाया. इस मौके पर समारोह आयोजित किया गया. समारोह को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि बीते 22 दिसंबर, 2003 को भारतीय संसद ने संथाली भाषा को स्वीकृति प्रदान की थी.
इसके लिए वर्षो से आदिवासियों ने आंदोलन किया था. इस स्वीकृति के लिए प्रति वर्ष स्वीकृति दिवस मनाया जाता है. उन्होंने आदिवासी संस्कृति व उसके विकास की चर्चा की. विभिन्न वक्ताओं ने आदिवासियों के उत्थान के मुद्दे पर अपने विचार रखे. उन्होंने आदिवासी समुदाय में शिक्षा के महत्व को लेकर जागरूकता अभियान चलाने पर जोर दिया.
संथाली भाषा के विकास के लिए सभी स्कूल कॉलेज में ओलचिकी भाषा में पढ़ाई शुरू कराने की मांग दोहरायी गयी. आदिवासी खेरवाल समिति के बेल टुडू और राजन टुडू उपस्थित थे. दूसरी ओर पंचकोट महाविद्यालय परिसर में ओलचिकी विभाग ने संथाली भाषा को भारतीय संबिधान द्वारा दी गयी स्वीकृति के मौके पर कार्यक्रम आयोजित किया. कॉलेज के शिक्षक तथा समाज के विभिन वर्ग के लोगो ने संथाली भाषा के विकास के लिए अपने विचार रखे. हीरालाल किस्कू, प्रतिमा बेसरा, सुजीत सेन आदि ने संबोधित किया.

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