पटना : अपनी मांगों को लेकर गर्दनीबाग में 58 दिन से धरने पर बैठे 102 एंबुलेंस चालक व पुलिस में भिड़ंत हो गयी. इस दौरान पुलिस ने एंबुलेंस चालकों पर लाठीचार्ज कर दिया और सभी को खदेड़ दिया. पुलिस द्वारा वाटर कैनेन से पानी की बौछार भी की गयी. अचानक हुए इस घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी का माहौल कायम हो गया, पुलिस ने इस मामले में आधा दर्जन से अधिक एंबुलेंस कर्मियों को अपने हिरासत में लिया है. इस संबंध में गर्दनीबाग थाने में जिला प्रशासन के मजिस्ट्रेट के बयान पर बिना अनुमति के वहां धरना देने, लाउडस्पीकर बजाने, हंगामा करने आदि का मामला दर्ज किया गया है. गर्दनीबाग थानाध्यक्ष बीके चौहान ने मामला दर्ज किये जाने की पुष्टि की और बताया कि आधा दर्जन लोगों को हिरासत में लिया गया हैं.
यह था मामला
एंबुलेंस चालकों व टेक्निशियनों की नियुक्ति सरकारी स्तर पर, ठेकेदारी प्रथा खत्म, चालकों के परिवार को हेल्थ बीमा, समय पर वेतनमान व वेतन में बढ़ोतरी आदि की मांग को लेकर 102 एंबुलेंस चालक पिछले 27 अक्तूबर से गर्दनीबाग धरना स्थल पर हैं. लगातार धरने पर बैठने के बावजूद जब मांग पूरी नहीं हुई चालकों ने गुरुवार को आत्मदाह करने की कोशिश की. इसके पूर्व भी वे लोग गुरुवार को आत्मदाह की घोषणा कर रखी थी. इस घोषणा के बाद पुलिस की उन पर नजर थी और उन लोगों ने लाउडस्पीकर से आत्मदाह करने की घोषणा कर दी. कुछ प्रदर्शनकारी सड़क उतर कर जाम कर दिये और कई सिविल सर्जन कार्यालय के गेट पर पहुंच हंगामा शुरू कर दिया.
और पुलिस से भिड़ गये प्रदर्शनकारी
जब पुलिस ने कड़ा रूख अखतियार किया और उनके प्रदर्शन करने की अनुमति की कॉपी मांगी, जिसे देने में वे असमर्थ रहे. इसके बाद लाउडस्पीकर बजाने की भी अनुमति की कॉपी मांगी गयी. लेकिन यह कॉपी भी नहीं दे पाये. इसके बाद पुलिस ने जब उन लोगों को जगह छोड़ने को कहा तो वे लोग पुलिस से भिड़ गये और फिर पुलिस ने पहले वाटर कैनन का प्रयोग कर पानी की बौछार कर खदेड़ा. लेकिन वे लोग फिर वापस लौट जाते. अंत में पुलिस ने लाठीचार्ज कर धरनासथ्ल से सभी को खदेड़ दिया. इस लाठीचार्ज में एक दर्जन् से अधिक प्रदर्शनकारी घायल हो गये. जिनका इलाज गार्डिनर रोड स्थल में चल रहा है.
जब हम लोगों की मांग पूरी नहीं हुई तो हम लोग आत्मदाह करने पर मजबूर हो गये, इसके लिए हम लोगों ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, स्वास्थ्य विभाग सहित कई अधिकारियों को पत्र लिखा था. वहीं जब आत्मदाह करने गये तो पुलिस ने लाठी चार्ज कर दिया, इससे 16 चालकों को चोट आयी है. इसमें विद्यानंद सिंह का हाथ भी टूट गया है.
सोनू कुमार, अध्यक्ष 102 चालक संघ
जब तक लोगों की जिम्मेदारी सरकार के हाथों में नहीं जायेगी, और ठेकेदारी प्रथा से मुक्त नहीं किया जायेगा हम लोग धरने पर बैठे रहेंगे. वहीं मारपीट मामले में हम लोग पीर बहोर थाने में पुलिस के खिलाफ बयान दर्ज करायेंगे.
अरविंद कुमार वर्मा, सचिव 102 चालक संघ
जल्द निकालें समाधान
पटना. अखिल भारतीय ट्रेंड यूनियन कांग्रेस ने 102 एंबुलेंस चालकों के साथ मारपीट की घटना को निंदनीय बताया है. साथ ही प्रदेश सरकार व स्वास्थ्य विभाग से अपील की है कि जल्द-से-जल्द चालकों के हित में समाधान निकालें और धरना को समाप्त कराएं.