बेंगुलुरु : कर्नाटक में सिद्धरमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार राज्य में 100 प्रतिशत ब्लू कॉलर नौकरियां कन्नड़ लोगों को उपलब्ध करवाने के लिए पहल कर रही है. सरकार निजी क्षेत्र की नौकरियों खासकर ब्लू कॉलर नौकरियों के लिए 100 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है. राज्य के श्रम विभाग ने कर्नाटक इंडिस्ट्रियल इंप्लाइमेंट रूल्स 1961 मं संशोधन के लिए ड्राफ्टतैयार किया है.
कर्नाटक में निजी क्षेत्र की कंपनियों जिसमें इन्फोटेक व बायोटेक जैसे क्षेत्र शामिलनहीं हैं, उनके लिए इस तरह की व्यवस्था की जायेगी. अगर उद्योग इन नियमों का अनुकरण नहीं करेंगे तो राज्य सरकार उन्हें दिये जाने वाले सभी राहत को रद्द कर देगी. कर्नाटक जैसे औद्योगिक राज्य जहां बड़ी संख्या में दूसरे प्रांत के लोग रोजगार के लिए जाते हैं, यह एक बड़ा फैसला है. इससे बाहर से नौकरी के लिए आने वाले लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा.
कर्नाटक के श्रम मंत्री संतोष लाड ने अंगरेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया से इस संबंध में कहा है कि इससे यह सुनिश्चित होगा कि सभी निजी कंपनियां हमारे लिए खुली हों, इससे यह भी पता चल पायेगा कि कितने कन्नड़ लोग प्रत्येक कंपनी में काम करते हैं. इससे किसी तरह की विसंगतियों को दूर करने में मदद मिलेगी.
श्रममंत्री ने कहा कि श्रम मंत्रालय इस संबंध में एक उदार दृष्टिकोण अपना सकता है कि कंपनियां 70 प्रतिशत वाइट कॉलर जॉब या 100 प्रतिशत ब्लू कॉलर जॉब कन्नड़ लोगों को उपलब्ध करायें. इसी प्रकार दिव्यांग जनों के लिए पांच प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था की जायेगी, जो कन्नड़ ही हों. श्रम मंत्रालय को इस संशोधन के लिए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया की मंजूरी मिल गयी है.