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औरंगाबाद में सोलर लाइट समेत अन्य 17 योजनाओं में भारी घोटाला!

देव प्रखंड की इसरौर व दुलारे पंचायत में पूरी राशि की निकासी के बाद भी नहीं शुरू कि या गया काम काम पूरा होने से पहले ही दे दी थी रिपोर्ट पंचायत प्रतिनिधियों की शिकायत के बाद बीडीओ ने करायी थी जांच पंचायत सचिव से बीडीओ ने मांगा स्पष्टीकरण औरंगाबाद : बिहार के औरंगाबाद जिले […]

  • देव प्रखंड की इसरौर व दुलारे पंचायत में पूरी राशि की निकासी के बाद भी नहीं शुरू कि या गया काम
  • काम पूरा होने से पहले ही दे दी थी रिपोर्ट
  • पंचायत प्रतिनिधियों की शिकायत के बाद बीडीओ ने करायी थी जांच
  • पंचायत सचिव से बीडीओ ने मांगा स्पष्टीकरण

औरंगाबाद : बिहार के औरंगाबाद जिले के देव प्रखंड की इसरौर और दुलारे पंचायत में सोलर लाइट समेत 17 अन्य योजनाओं में बड़ा घोटाले की आशंका जाहिर की जा रही है. इन योजनाओं में घोटाले की आशंका के मद्देनजर देव प्रखंड के इसरौर पंचायत के मुखिया, वार्ड सदस्य और गांव वालों ने योजनाओं में घोटाले की शिकायत प्रखंड विकास पदाधिकारी से की थी. बताया जा रहा है कि इन योजनाओं में घोटाला होने की आशंका के मद्देनजर देव के प्रखंड विकास पदाधिकारी की जांच में घोटाले की पुष्टि की गयी है. बताया यह भी जा रहा है कि कई योजनाओं का काम शुरू किये बगैर ही कार्य संपादन प्रतिवेदन सौंप दिया गया है. इस मामले में प्रखंड विकास पदाधिकारी ने पंचायत सचिव से स्पष्टीकरण मांगा है. बताया यह भी जा रहा है कि इसरौर और दुलारे पंचायतों के सचिव का प्रभार कामेश राम के पास है.

प्रखंड विकास पदाधिकारी पंकज कुमार शक्तिधर ने देव प्रखंड की इसरौर और दुलारे पंचायत में सोलर लाइट समेत अन्य 17 योजनाओं में हुए घोटाले की जांच कनीय अभियंता से करायी गयी है. इस जांच में यह पता चला है कि इन दोनों पंचायतों के लिए स्वीकृत 17 योजनाओं में कोई काम ही नहीं कराया गया है. उन्होंने बताया कि पंचायत सचिव की ओर से दिये गये प्रतिवेदन में 26 सोलर लाइट को लगाने के काम को पूरा करने का जिक्र किया गया है, जबकि वास्तव में ये सोलर लाइट कहीं लगायी ही नहीं गयी है.

प्रखंड विकास पदाधिकारी पंकज कुमार शक्तिधर ने बताया कि ग्राम पंचायत दुलारे में कई योजनाओं का काम तो अभी शुरू भी नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार की लापरवाही और गैर-जिम्मेदाराना काम से पंचायत के विकास कार्य बाधित होने के साथ इनकी समयसीमा भी समाप्त हो गयी. उन्होंने कहा कि इस घोटाले के मद्देनजर उन्होंने पंचायत सचिव से सात दिन के अंदर छह बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा है. प्रखंड विकास पदाधिकारी ने अपने आदेश में कहा है कि आदेश का बार-बार उल्लंघन किया जाता है. फिर भी इस संबंध में जवाब जल्द भेजा जाए.

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