जब से मोदी सरकार ने बड़े नोटों को बैन किया है तब से न्यूज़ चैनल ने इसे बवाल बना दिया है. बैंकोंे में जो भीड़ उमड़ी है, वह इसी की उपज है. छोटे नोट बाजार से गायब तो नहीं हो गये. इसका प्रचलन पहले भी हो रहा था, आज वह नोट बाजार में दब गया. बाकी बड़े ट्रांजेक्शन तो कैशलेस तरीके से आराम से किया जा सकता है. तो दिक्कत कहां है भाई?
न्यूज चैनलों में दिखाया जा रहा है कि फलां फैक्ट्री के हजारों मजदूरों और अधिकारियों को वेतन नकद नहीं मिलने से वे परेशान हैं. वे क्यों नहीं दिखाते कि फलां फैक्ट्री के मालिकान अपने कामगारों को चेक से अथवा उनके खाते में वेतन देना शुरू कर दिये हैं. देश के इतने बड़े परिवर्तन में आखिर न्यूज चैनल क्यों नेगेटिव न्यूज परोस रहा है?
दयानंद कुमार, राजधनवार