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खराब परफॉर्मेंस वाले बैंकों की सूची बने
खराब प्रदर्शन वाले बैंकों में जमा नहीं होगी सरकारी राशि आयुक्त और डीएम के स्तर पर इसके लिए मांगी गयी रिपोर्ट ग्रामीण बैंकों ने 300 के लक्ष्य में खोली महज 17 शाखाएं, सहकारी बैंक शून्य पटना : वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा है कि सभी प्रमंडल और जिला स्तर पर बैंकों के प्रदर्शन […]
खराब प्रदर्शन वाले बैंकों में जमा नहीं होगी सरकारी राशि
आयुक्त और डीएम के स्तर पर इसके लिए मांगी गयी रिपोर्ट
ग्रामीण बैंकों ने 300 के लक्ष्य में खोली महज 17 शाखाएं, सहकारी बैंक शून्य
पटना : वित्त मंत्री अब्दुल बारी सिद्दीकी ने कहा है कि सभी प्रमंडल और जिला स्तर पर बैंकों के प्रदर्शन से संबंधित एक रिपोर्ट तैयार की जाये. इसके आधार पर खराब प्रदर्शन करने वाले सभी बैंकों में सरकारी राशि जमा नहीं की जायेगी. वित्त मंत्री मंगलवार को सचिवालय स्थित सभागार में भारतीय स्टेट बैंक से संबंधित बैंकों की राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक को संबोधित कर रहे थे.
इस दौरान उन्होंने बैंकों के खराब प्रदर्शन और लापरवाही भरी गतिविधि पर जमकर नाराजगी व्यक्त करते हुए बैंकों से सख्त लहजे में कहा कि अपना प्रदर्शन सुधार लें, नहीं तो सरकार सख्त कार्रवाई करेगी. उन्होंने बैंकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का संकेत देते हुए कहा कि नोटबंदी के इस दौर में आरबीआइ के निर्देशों का पालन नहीं करने की वजह से समस्या ज्यादा विकराल हो गयी है. तमाम आदेशों के बाद भी बैंकों ने निर्धारित लक्ष्य के अनुसार एटीएम और शाखाएं नहीं खोलीं. मौजूदा वित्तीय वर्ष 2016-17 में 1640 बैंक शाखाओं को खोलने का टारगेट रखा गया था, लेकिन नौ महीने बीतने के बाद भी महज 87 शाखाएं ही खुल पायी हैं. ग्रामीण बैंकों को 300 शाखाएं खोलने का लक्ष्य दिया गया था, जिसमें महज 17 शाखाएं ही खुलीं. सहकारी बैंकों ने एक शाखा भी नहीं खोली. यह निराशा की बात है. इससे विकास पर असर पड़ेगा.
इस बैठक में बैंकों को सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के प्रति रुचि दिखाने और इन कार्यक्रमों को सफल बनाने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए कहा गया है. कृषि, पशुपालन, डेयरी, मत्स्य, मुर्गी पालन जैसी योजनाओं के खराब प्रदर्शन पर भी चर्चा की गयी. इन महत्वाकांक्षी योजनाओं की सुस्त रफ्तार के प्रति नाराजगी जताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि मौजूदा वित्तीय वर्ष समाप्त होने में महज तीन महीने बचे हैं. ऐसे में कृषि और पशुपालन से जुड़ी योजनाओं में कैंप लगाकर अधिकतम लक्ष्य पाने की कोशिश करने का आदेश दिया गया. सभी स्तर के किसानों को कृषि कार्य के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में ऋण देने के लिए कहा गया.
ऋण देने की रही यह स्थिति
डेयरी- इस योजना में राज्य के तहत सभी बैंकों में आये आठ हजार 326 आवेदन, सात हजार 155 हुए स्वीकृत, जिसमें बांटे गये 12 हजार 28 करोड़ के ऋण.
मत्स्य पालन- 433 आवेदन आये, स्वीकृत हुए 205. बांटे गये 644 करोड़ के ऋण.
पॉल्ट्री- 320 आवेदन आये 285 हुए स्वीकृत. बांटे गये 1905 करोड़ के लोन
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