बीजिंग : चीन ने अमेरिका का समुद्री ड्रोन वापस कर दिया है. इस बात की जानकारी खुद चीन ने दी है. उसकी ओर से कहा गया है कि विवादास्पद दक्षिण चीन सागर में नौवहन की स्वतंत्रता यानी सुरक्षित नौवहन को नुकसान पहुंचने से रोकने के लिए ड्रोन को पकड़ लिया गया था जिसे अब छोड़ दिया गया है.
चीन ने अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस आरोप का खंडन किया कि जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिकी ड्रोन चुराया गया है. चीन का दावा है कि इस क्षेत्र में अमेरिका चीनी तट पर जासूसी कर रहा है. इस संबंध में चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि हमें चोरी जैसा शब्द रास ही नहीं आया. यह सही भी नहीं है.
आपको बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके कहा था कि चीन ने अंतरराष्ट्रीय समुद्री क्षेत्र में अमेरिका की नौसेना के अनुसंधान ड्रोन को चुराया है. इतना ही नहीं उसे अपने यहां ले गया जो एक अप्रत्याशित कदम है.
उनके दावे से कुछ घंटे पहले ही चीन सरकार ने कहा था कि वह मामले को लेकर अमेरिका की सेना के संपर्क में है.
आपको बता दें कि कुछ दिन पहले ही चीन ने दक्षिण चीन सागर में एक मानवरहित नौका को जब्त किया था जिसकी जानकारी एक अमेरिकी रक्षा अधिकारी ने दी थी. अधिकारी ने कहा था कि चीन ने इसे अपने कब्जे में ले लिया है. नौका को सूबिक की खाड़ी से 50 मील की दूरी पर अंतरराष्ट्रीय जल सीमा में जब्त किया गया है.
अमेरिकी अधिकारी ने बताया कि नौका का इस्तेमाल जल की क्षारीयता और तापमान की जांच में किया जा रहा था ताकि समुद्र के अंदर चैनलों को मापा जा सके. अमेरिकी नौसेना की नौका थी लेकिन इसका संचालन सैनिक नहीं कर रहे थे. अमेरिकी अधिकारियों ने बताया कि जब्त नाव दक्षिणी चीन सागर में वैध तरीके से मिलट्री सर्वे कर रहा था.
ज्ञात हो कि इस मामले के बाद अमेरिका और चीन के बीच रिश्तों में काफी तल्खी बढ चुकी थी.
अमेरिका की दशकों पुरानी राजनयिक नीति को तोड़ते हुए इसके नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ताइवान की राष्ट्रपति त्साइ इंग-वेन से बात की और कई मुद्दों पर उनके साथ चर्चा की थी. चीन ने ट्रंप के इस बात को लेकर कड़ी आपत्ति जतायी थी.