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काउंटर चार, लेकिन एक से ही मिलता है टिकट

मोकामा : बेगूसराय और पटना जिले के रेल नेटवर्क से जोड़ने वाले हाथीदह रेलवे स्टेशन पर रेलवे की बुकिंग सेवा का हाल बेहाल है. हाथीदह स्टेशन से रेलवे को करोड़ों का राजस्व प्राप्त होता है, लेकिन यात्रियों को उन टिकटों को कटाने में पसीने छूट जाते है, जिनसे रेलवे को व्यापक राजस्व की प्राप्ति होती […]

मोकामा : बेगूसराय और पटना जिले के रेल नेटवर्क से जोड़ने वाले हाथीदह रेलवे स्टेशन पर रेलवे की बुकिंग सेवा का हाल बेहाल है. हाथीदह स्टेशन से रेलवे को करोड़ों का राजस्व प्राप्त होता है, लेकिन यात्रियों को उन टिकटों को कटाने में पसीने छूट जाते है, जिनसे रेलवे को व्यापक राजस्व की प्राप्ति होती है.
हाथीदह स्टेशन पर चार बुकिंग काउंटर उपलब्ध हैं, लेकिन अधिकांश समय सिर्फ एक टिकट काउंटर की खिड़की ही खुली रहती है. चार टिकट खिड़कियों पर टिकट कटने की व्यवस्था रहने के बावजूद सिर्फ एक ही टिकट खिड़की खुलती है और इसी एक बुकिंग काउंटर से लोगों को टिकट लेना पड़ता है. हाथीदह स्टेशन पर कई ट्रेनें रुकती हैं.
यात्रियों ने बताया कि स्टेशन पर प्राय: एक ही टिकट काउंटर खुला रहता है, जिससे टिकट खिड़की पर काफी भीड़ रहती है. कभी-कभी दूसरा टिकट काउंटर खोल दिया जाता है, लेकिन चारों टिकट काउंटरों को खुलते हुए आज तक किसी ने नहीं देखा. भीड़ के कारण कई लोगों की ट्रेनें छूट जाती हैं. टिकट काउंटर बंद रहने के कारण लोग बिना टिकट यात्रा को भी मजबूर होते हैं. इतना ही नहीं कई बार ऐसी शिकायतें भी मिलती है कि टिकट की कीमत से अधिक पैसे की वसूली भी बुकिंग कर्मियों द्वारा की जाती है.
अधिक पैसे लिए जाने से बुकिंग क्लर्क और स्टेशन मास्टर ने इनकार किया. सोमवार को भी हाथीदह स्टेशन का यही नजारा था. परेशान यात्रियों की सूचना पर पड़ताल को पहुंची प्रभात खबर की टीम जब दोपहर के 12 बजे हाथीदह स्टेशन पर पहुंची तो यात्रियों की लंबी कतार से टीम का सामना हुआ. सोमवार 12 बज रहे थे और हाथीदह स्टेशन के चार बुकिंग काउंटर होने के बावजूद मात्र एक काउंटर खुला हुआ था. टिकट काउंटर संख्या दो से यात्रियों को टिकट दिया जा रहा था और शेष तीन काउंटर बंद था. कतार में सौ से अधिक यात्री लगे हुए थे और उस वक्त कई ट्रेनों का समय भी था.
प्रभात खबर की टीम जब यात्रियों की परेशानियों को समझ रही थी उसी दौरान विक्रमशिला एक्सप्रेस, पटना झाझा पैसेंजर, टाटा छपरा एक्सप्रेस, हावड़ा मोकामा पैसेंजर सहित कई ट्रेनें आयी और गयी. कई यात्रियों की ट्रेन छूट भी गयी और कुछ यात्री बिना टिकट यात्रा को भी मजबूर हुए. हालांकि जब कैमरे के फ्लैश चमकने लगे तो एक काउंटर को खोला गया, लेकिन उस काउंटर से भी सभी यात्रियों को टिकट नहीं मिल पा रहा था.
तीन काउंटर से मिलता है टिकट : स्टेशन मास्टर
स्टेशन मास्टर बाबूलाल हेंब्रम ने बताया कि सुबह के समय तीन काउंटरों से टिकट मिलता है, लेकिन दोपहर के बाद दो काउंटर चालू रहते हैं. बार-बार पूछे जाने के बावजूद उन्होंने एक काउंटर से टिकट मिलने की बात तो नहीं स्वीकार की, लेकिन कहा कि जब भीड़ बढ़ती है तब यात्रियों की सुविधा के लिए तीन काउंटरों से टिकट दिये जाते हैं. उन्होंने कहा कि वह इस बात का प्रयास करेंगे कि तीन काउंटरों से टिकटों की बिक्री हो सके.

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