पटना : जन अधिकार पार्टी के संरक्षक और सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नोटबंदी के क्रम में बेनामी संपत्ति पर प्रहार किये जाने के कथन पर उनसे कहा है कि अगर वे सही मायने में बेनामी संपत्ति को बाहर लाना चाहते हैं तो पहले राजद प्रमुख लालू प्रसाद व उनके परिवार सहित अपने पार्टी के विधायकों और सांसदी की संपत्ति की जांच कराएं. पटना में आज संवाददाताओं को संबोधित करते हुए पप्पू ने नोटबंदी के क्रम में बेनामी संपत्ति पर प्रहार के नीतीश के कथन पर उनसे कहा कि वे सबसे इसकी शुरुआत उनकी संपत्ति की जांच से करें और उसके बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद एवं उनके परिवार के अन्य सदस्यों तथा अपने विधायक और सांसद के साथ-साथ अपने अधिकारियों की संपति का जांच कराएं.
नीतीश-लालू पर साधा निशाना
उन्होंने कहा कि अगर नीतीश कुमार ऐसा नहीं कर सकते तो बेनामी संपत्ति के नाम पर उनका कथन लोगों की आंख में धूल झोंकने बराबर होगा. पप्पू ने मुख्यमंत्री से नोटबंदी के ठीक पूर्व भाजपा द्वारा विभिन्न जिलों में अपना कार्यालय खोले जाने के लिए खरीदी गयी जमीन की भी जांच कराएं जाने की मांग की. उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से तमाम राजनीति पार्टी को आरटीआई के दायरे में लाने के लिए कानून बनाने और राजनीतिक दलों के खातों की निगरानी की भी मांग की.
केंद्र पर भी बोला हमला
पप्पू ने केंद्र सरकार पर कालाधन के खिलाफ 500 और 1000 रुपये पर रोक लगाकर आम जनता की परेशानी बढ़ा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को नोटबंदी को लेकर उच्चतम न्यायालय द्वारा पूछे गये प्रश्नों का जवाब देना चाहिए. उन्होंने आरोप लगाया कि नोटबंदी के कारण उद्योग और व्यवसाय ठप पड़ गया और एक बड़ आबादी बेरोजगार हो गयी है. पप्पू ने केंद्र सरकार पर कैशलेस सोसाइटी बनाने के नाम पर जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश के कई अर्थशास्त्री ने नोटबंदी को अव्यावहारिक करार दिया है. उन्होंने कहा कि जन अधिकार पार्टी ने जनता के मुद्दों को लेकर आगामी 20 दिसंबर को रेल चक्का जाम और 22 दिसंबर को सडक जाम करने का निर्णय लिया है.