अभिभावकों के प्रतिनिधि के रूप में शांतनु भट्टाचार्य, प्रदीप चक्रवर्ती, रूपा सरकार आदि ने मंत्री से कहा कि बच्चों की माध्यमिक और उच्च माध्यमिक परीक्षा सामने है. अगर सरकार अभी यह फैसला लागू कर देती है तो बच्चों की परीक्षा प्रभावित होगी. बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने के लिए अन्य शिक्षक जल्दी से नहीं मिलेंगे. परीक्षा की तैयारी सही तरीके से न होने पर बच्चे भी मानसिक तनाव में आ जायेंगे.
उनका परीक्षा परिणाम खराब हो सकता है. इस लेकर अभिभावकों ने एक ज्ञापन भी श्री देव को सौंपा. उन्होंने अभिभावकों से ज्ञापन स्वीकार करते हुए कहा कि यह मामला उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आता है. इसके बावजूद उन्होंने इस मामले में शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी से बातचीत कर उचित कदम उठाने का आश्वासन दिया.