इस्लामाबाद : पिछले महीने बटिंडा में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सिंधु नदी का एक-एक बूंद जल भारतीय किसानों का है और उन्हें बांट दिया जायेगा. उसके कई दिनों के बाद आज पाकिस्तान की ओर से बयान आया है कि वह सिंधु नदी जल समझौते (आईडब्ल्यूटी) में किसी भी प्रकार के बदलाव को स्वीकार नहीं करेगा. गौरतलब है कि भारत 56 साल पुराने समझौते के क्रियान्यवन के साथ ही द्विपक्षीय मतभेद निवारण पर जोर दे रहा है.
प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के विशेष सहायक तारिक फातमी ने डॉन न्यूज से कहा, ‘सिंधु नदी जल समझौते के नियमों में किसी भी बदलाव को पाकिस्तान स्वीकार नहीं करेगा. हमारा रुख समझौते के सिद्धांतों पर आधारित है. इस समझौते का ईमानदारी से सम्मान किया जाना चाहिए.’ सिंधु नदी जल समझौते के क्रियान्वयन में पाकिस्तान के साथ मतभेदों को मिलकर दूर करने पर भारत के जोर देने के बाद उनकी यह टिप्पणी आई है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरुप ने बृहस्पतिवार को कहा था कि इच्छाशक्ति हो तो ऐसी कोई वजह नहीं है कि किशनगंगा जैसी परियोजनाओं की तकनीकी डिजाइन के मापदंडों पर पाकिस्तान की आपत्तियों का दोनों पक्षों के विशेषज्ञ समाधान ना निकाला जा सके. स्वरुप के मुताबिक भारत का मानना है कि इस तरह के विचार-विमर्श को पर्याप्त समय दिया जाना चाहिए.
डॉन की खबर के मुताबिक भारत द्वारा और समय दिये जाने के अनुरोध से पाकिस्तान के कान खड़े हो गये हैं. रिपोर्ट में कहा गया, ‘इस्लामाबाद का कहना है कि भारत इस रणनीति को पहले भी अपना चुका है. विवाद के दौरान परियोजना को पूरा कर लो और फिर यह दबाव बनाओ की चूंकि परियोजना पहले ही पूरी हो चुकी है इसलिए इसमें कोई बदलाव नहीं किया जा सकता.’
क्या कहा था प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने
नरेंद्र मोदी ने कहा था कि गांव, गरीब और किसान के लिए काम करते रहेंगे. देश के विकास के लिए सामाजिक ढांचा जरूरी है. सिंधू जल समझौते का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि आपके हिस्से का एक बूंद पानी पाकिस्तान नहीं जाएगा. पीएम मोदी ने कहा कि मैं पाकिस्तान के नागरिकों से अनुरोध करता हूं कि वह अपने शासकों से गरीबी, कालेधन और जाली मुद्रा के खिलाफ लड़ने को कहें, भारत के खिलाफ नहीं. पीएम ने कहा था कि हमारी सेना इधर अभ्यास करती है तो सीमा पर हड़कंप मच जाता है.
प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों से कहा कि पीएम ने कहा कि आपके हक का पानी पाकिस्तान में बर्बाद हो रहा है. हम अपने हक के पानी का प्रयोग न करें, ऐसा क्यों. हमने सिंधु जल समझौते पर हमने टास्क फोर्स बनाया है. अब भारत के हक का पानी पाकिस्तान नहीं जाएगा. पंजाब का किसान पानी के लिए तरसता है. पंजाब के किसानों के लिए पानी लाऊंगा. पंजाब और अन्य राज्यों के किसानों को उनके देय पानी की एक-एक बूंद दिलाने के लिए हमने सिंधु जल समझौते पर एक कार्य बल गठित किया है. विपक्ष कहता है कि मुझे राजनीति नहीं आती है. मुझे सिर्फ किसान के हित से लेना देना है. मुझे चुनाव से कोई लेना देना नहीं है. मुझे चुनावी गणित से कोई लेना देना नहीं है.