हंगामा होता देख वरीय अधिकारियों की टीम पहुंची. उन्होंने आश्वासन दिया कि प्रशिक्षुओं को वेतन स्लिप भी दिया जायेगा और उनका वेतनमान भी फिक्स कर दिया जायेगा, जो स्टाइपेंड के तरीके से मिलेगा. उल्लेखनीय है कि एनटीटीएफ में ट्रेनिंग देने के बाद इन प्रशिक्षुओं को बहाल किया गया है ताकि उनकी प्लांट ट्रेनिंग पूरी करायी जा सके.
बताया जाता है कि कौशल विकास कार्यक्रम नीम के तहत उनको ट्रेनिंग दी जा रही थी, लेकिन जो प्रशिक्षण का पैसा टाटा मोटर्स के कर्मचारी पुत्रों या अप्रेंटिस को दिया जाता है, वह उनको नहीं दिया जाता है और वेतन स्लिप तक नहीं दिया जाता है. इसको देखते हुए प्रशिक्षुओं ने ए शिफ्ट की ड्यूटी में आते ही सुबह साढ़े छह बजे एकजुट होकर हंगामा करने लगे. हालांकि इस बारे में अधिकारिक तौर पर प्रबंधन की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गयी है.