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जमीन मिली नहीं, निर्माण को जारी हुए 14 करोड़

मुजफ्फरपुर : सिकंदरपुर में होमगार्ड जवानों के लिए ट्रेनिंग सेंटर बनना प्रस्तावित है. सरकार की ओर से इसके लिए 14 करोड़ रुपये आवंटित किये जा चुके हैं. निर्माण के लिए नक्शा भी तैयार हो चुका है. लेकिन, जिस जमीन पर ट्रेनिंग सेंटर बनना है, वह अभी तक मुजफ्फरपुर गृह रक्षा वाहिनी के नाम हस्तानांतरित ही […]

मुजफ्फरपुर : सिकंदरपुर में होमगार्ड जवानों के लिए ट्रेनिंग सेंटर बनना प्रस्तावित है. सरकार की ओर से इसके लिए 14 करोड़ रुपये आवंटित किये जा चुके हैं. निर्माण के लिए नक्शा भी तैयार हो चुका है. लेकिन, जिस जमीन पर ट्रेनिंग सेंटर बनना है, वह अभी तक मुजफ्फरपुर गृह रक्षा वाहिनी के नाम हस्तानांतरित ही नहीं हुई है. हस्तानांतरण से संबंधित संचिका राजस्व कार्यालय से गायब है. इसका खुलासा तब हुआ, जब मंगलवार को मामले में होमगार्ड के जिला कमांडेंट ने अपर समाहर्ता से मुलाकात की.

अपर समाहर्ता ने आनन-फानन में डीसीएलआर पूर्वी से संपर्क साधा. पता चला कि वहां से मार्च महीने में ही संचिका भेज दी गयी थी. राजस्व विभाग के एक रिटायर कर्मी से भी मामले में संपर्क साधा गया, लेकिन वह संचिका नहीं मिली. अब मामले में मुशहरी सीओ से संपर्क साधा गया है. मुशहरी सीओ की अनुशंसा पर ही डीसीएलआर पूर्वी ने खासमहाल की जमीन स्थानांतरित करने की सहमति दी थी. मार्च तक निर्माण कार्य शुरू नहीं होने पर राशि के लैप्स होने का खतरा है.

फिलहाल इंजीनियरिंग विभाग से जो ट्रेनिंग सेंटर का नक्शा तैयार करवाया गया है, उसमें चार सौ जवानों के ट्रेनिंग की सुविधा होगी. वहां ऑफिस बिल्डिंग के अलावा मैगजीन गार्ड या कोट (राइफल रखने के लिए), मेस, डाइनिंग हॉल, कॉमन रूम, इंडोर क्लास रूम व स्मार्ट क्लास रूम (दोनों की क्षमता 100-100 होगी), सिम्यूलेटर रूम, ड्रेसिंग रूम, छह अपर को-ऑर्डिनेटर व छह लोअर को-ऑर्डिनेटर का क्वार्टर भी बनना है.
मामला सिकंदरपुर में प्रस्तावित होमगार्ड ट्रेनिंग सेंटर का, जमीन हस्तानांतरण को लेकर फंसा है पेच
पहले हो चुका है विवाद
जिस तीन एकड़ जमीन पर होमगार्ड का ट्रेनिंग सेंटर प्रस्तावित है, वह सिकंदरपुर नेहरू स्टेडियम के सटे है. शुरुआत में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग ने इसे बिहार रक्षा वाहिनी को हस्तानांतरित करने के फैसले का विरोध किया था. हालांकि, बाद में तत्कालीन डीएम आनंद किशोर ने सरकार को एक रिपोर्ट भेजी थी, जिसमें उक्त जमीन का स्टेडियम से जुड़ाव से इनकार किया गया था. रिपोर्ट में बताया गया था कि स्टेडियम के बाद इनकम टैक्स, ऑफिसर कॉलोनी व जिला विज्ञान केंद्र की जमीन है.
ऐसे में भविष्य में स्टेडियम का यहां तक विस्तार नहीं हो सकता है. रिपोर्ट के आधार पर राजस्व विभाग ने उक्त जमीन को बिहार रक्षा वाहिनी को हस्तानांतरित करने का आदेश दिया था.
हस्तानांतरण से संबंधित संचिका कार्यालय में नहीं मिल रही है. मामले में मुशहरी सीओ से संपर्क साधा गया है. उनके कार्यालय में ऑफिस कॉपी है. उसका जेरोक्स कॉपी मंगवा कर हस्तानांतरण की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
डॉ रंगनाथ चौधरी, अपर समाहर्ता

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