नयी दिल्ली : नोट बंदी को लेकर आज संसद के दोनों सदनों में फिर हंगामे के आसार नजर आ रहे हैं. भाजपा और कांग्रेस ने बीती रात संसद के अपने दोनों सदनों के सदस्यों को आज से शीतकालीन सत्र की बाकी अवधि में संसद में मौजूद रहने को कहा है. प्राप्त जानकारी के अनुसार शीतकालीन सत्र के बचे हुए तीन दिनों तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में नजर आयेंगे. आपको बता दें कि सदन के बाहर मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच शीतयुद्घ जारी है. जहां एक सभा में पीएम मोदी कहा चुके हैं कि उन्हें विपक्ष सदन में अपनी बात नहीं रखने दे रहा वहीं कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा है कि पीएम को सदन में आकर सांसदों के सवाल का जवाब देना चाहिए. बाहर सभाओं में जवाब देने से कुछ नहीं होगा… उल्लेखनीय है कि मौजूदा सत्र पर नोटबंदी के मुद्दे की छाया बनी रही है और अब तक इस विषय पर चर्चा नहीं हो सकी.
सूत्रों ने कहा कि विपक्षी कांग्रेस को लगता है कि सत्तारुढ पक्ष नोटबंदी से लोगों को हो रही परेशानियों से ध्यान हटाने के लिए अगस्ता वेस्टलैंड हेलीकॉप्टर मुद्दे को उठाकर उसके शीर्ष नेताओं पर निशाना साध सकती है. आज सुबह संसद की बैठक शुरू होने से पहले विपक्षी दलों के नेता सदन में अपनी रणनीति तय करने के लिए बातचीत करेंगे. भाजपा ने भी अपने सदस्यों को सदन में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी किया है ताकि लोकसभा और राज्यसभा में सत्तापक्ष की बेंचें भरी रहें.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज सुबह अपने प्रमुख मंत्रियों के साथ बैठक करेंगे जिसमें सरकार की रणनीति तय की जाएगी. वित्त मंत्री अरण जेटली ने कहा कि सरकार नोटबंदी के विषय पर संसद में चर्चा के लिए तैयार है. उन्होंने एक बार फिर कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों से नोटबंदी पर चर्चा शुरू करने का आग्रह किया.
सूचना और प्रसारण मंत्री एम वेंकैया नायडू ने कहा कि प्रधानमंत्री शीतकालीन सत्र के बाकी तीन दिन संसद में मौजूद रहेंगे और जरुरत पडने पर किसी भी सदन में कार्यवाही में शामिल हो सकते हैं. कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि सरकार ने गतिरोध को समाप्त करने के लिए विपक्ष से संपर्क साधने का कोई प्रयास नहीं किया है. सरकार और विपक्ष, खासकर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस अपने रख पर अडे हैं. विपक्ष का कहना है कि चर्चा वोटिंग वाले प्रावधान के तहत होनी चाहिए वहीं सत्तापक्ष ने इसे खारिज कर दिया है. वित्त मंत्री जेटली ने कहा, ‘‘इसलिए, राष्ट्रीय दृष्टिकोण से मैं विपक्ष से अपील करंगा कि अवरोध पैदा करने के बजाय इस अभियान में शामिल हों.’
गत 16 नवंबर को शुरू हुए शीतकालीन सत्र का समापन आगामी शुक्रवार को होना है और कुल मिलाकर यह संसद सत्र हंगामे की भेंट चढ गया लगता है. नोटबंदी और अन्य मुद्दों पर विपक्षी सदस्यों के शोर-शराबे के कारण संसद में बहुत कम जरुरी कामकाज हुआ है. लोकसभा और राज्यसभा, दोनों ही सदनों में नोटबंदी के मुद्दे पर चर्चा को लेकर गतिरोध बना हुआ है.
हालांकि लोकसभा ने दो जरुरी विधायी कामकाज निपटाये जिनमें आयकर संशोधन विधेयक का पारित होना और अनुदान की पूरक मांगों को मंजूरी शामिल है. दोनेां ही हंगामे के बीच हुए. राज्यसभा में सामान्य तौर पर पहले ही दिन कुछ कामकाज हो सका जब नोटबंदी पर चर्चा शुरू हो गयी थी और उसके बाद से उच्च सदन में कोई काम नहीं हुआ.