जहां से एमजीएम अस्पताल रेफर कर दिया गया. वहीं मृतक के परिजनों ने बताया कि चार दिनों से मरीज को दस्त व बुखार था. यहां डॉक्टर ने सही इलाज नहीं किया. एमजीएम के डॉक्टरों के अनुसार बुखार आने या तबीयत खराब होने पर ग्रामीण झाड़-फूंक के चक्कर में पड़ जाते हैं. मरीज स्थिति ज्यादा खराब हो जाने पर बचाना मुश्किल हो जाता है.
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झाड़-फूंक के चक्कर में इलाज में देरी, गयी जान
जमशेदपुर. झाड़-फूंक के चक्कर में राजनगर टागर जोड़ा निवासी अनंतो नामता की पुत्री कविता (18) की तबीयत और खराब हो गयी. उसे एमजीएम अस्पताल लाया गया जहां मंगलवार की सुबह उसकी मौत हो गयी. मृतका के पिता अनंतो नामता ने बताया कि पिछले शुक्रवार को कविता की तबीयत खराब हो गयी. उसको गांव के पास […]
जमशेदपुर. झाड़-फूंक के चक्कर में राजनगर टागर जोड़ा निवासी अनंतो नामता की पुत्री कविता (18) की तबीयत और खराब हो गयी. उसे एमजीएम अस्पताल लाया गया जहां मंगलवार की सुबह उसकी मौत हो गयी. मृतका के पिता अनंतो नामता ने बताया कि पिछले शुक्रवार को कविता की तबीयत खराब हो गयी. उसको गांव के पास ही ओझा के पास झाड़-फूंक कराने ले गया. दो दिन तक झाड़-फूंक के बाद उसकी तबीयत और खराब हो गयी. इसके बाद उसे हल्दीपोखर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गया.
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