ठंड. सात डिग्री पहुंचेगा पारा, तब प्रशासन मानेगा शीतलहर
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पांच साल में ठंड से एक भी मौत नहीं : आपदा विभाग
ठंड. सात डिग्री पहुंचेगा पारा, तब प्रशासन मानेगा शीतलहर ठंड व कोहरे की मार से लोग बेहाल अलाव की व्यवस्था का निर्देश समस्तीपुर : सर्द पछुआ हवा हाड़ हिला रही है. रही सही कसर धूप नहीं निकलने के कारण हो रही है. सर्द दिनों में काफी जरूरत के काम के लिए ही लोग बाहर निकल […]
ठंड व कोहरे की मार से लोग बेहाल
अलाव की व्यवस्था का निर्देश
समस्तीपुर : सर्द पछुआ हवा हाड़ हिला रही है. रही सही कसर धूप नहीं निकलने के कारण हो रही है. सर्द दिनों में काफी जरूरत के काम के लिए ही लोग बाहर निकल रहे हैं. कंपकपाती ठंड ने लोगों का जीना मुहाल किया हुआ है. शाम होते ही शहर जो घने कोहरे में डुबता है.
कोहरे के आगोश में लिपटे हर कोई की जीवनचर्या कंपकंपाती ठंड का शिकार हो रही है. हाड़ कंपा देेने वाली ठंड ने आम जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर रखा है.
इसके बाद भी प्रशासनिक मानकों में ऐसी ठंड को शीतलहर नहीं कहा जा सकता है. आपदा प्रबंधन के मानकों को देखे तो जब तापमान सात डिग्री से नीचे जाता है, तब उसे शीतलहर कही जाती है. जिले मेें ठंड से राहत देने के लिए आपदा प्रबंधन व सामाजिक सुरक्षा कोषांग दोनों स्तरों से व्यवस्था की जाती है. आपदा प्रबंधन विभाग सीधे अंचलाधिकारी स्तर पर अलाव के लिए राशि उपलब्ध कराता है, तो सामाजिक सुरक्षा का काम वस्त्र व कंबल लोगों को उपलब्ध कराना है. हालांकि, सभी जवाबदेही बीडीओ व सीओ के कंधे पर ही होती है. आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार, विगत पांच वर्षों में ठंड व शीतलहर से कोई मौत नहीं हुई है. वहीं इस वर्ष से अभी तक कोई मौत की सूचना विभाग को नहीं है.
50 हजार की राशि अलाव के लिये
आपदा प्रबंधन विभाग ने ठंड के राहत के लिए राशि का उपआवंटन कर दिया है. जिला के लिए 50 हजार की राशि का आवंटन हुआ है. इसमें सभी प्रखंडों के सीओ को दो हजार की राशि व अनुमंडल स्थित प्रखंडों को तीन हजार की राशि उपलब्ध करायी गयी है. सभी अंचलाधिकारियों को अपने क्षेत्रों के चौक-चौराहे पर अलाव की व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है.
कंबल, वस्त्र के लिए 3.82 लाख : सामाजिक सुरक्षा कोषांग को सरकार की ओर से 3.82 लाख की राशि आवंटित की गयी है. वस्त्र वितरण कार्यक्रम के तहत भूमिहीन, निर्धन,अपंग, असहाय व्यक्तियों व भिक्षुकों के बीच धोती, साड़ी व कंबल बांटा जाना है. सामाजिक सुरक्षा कोषांग ने डीएम से राशि प्रखंडों को उपआवंटित करने का आदेश मांगा था. कोषांग ने सभी बीडीओ को 15 दिनों के अंदर शत प्रतिशत राशि खर्च कर 42 ए में उपयोगिता प्रमाणपत्र समर्पित करने को कहा है.
कागज जला कर ठंड से मुकाबला करतीं छात्राएं.
ठंड में समय पूर्व प्रसव का रहता है खतरा
ठंड बढ़ने के साथ ही बीमारियों का प्रकोप भी बढ़ जाता है. खासकर लोग ध्यान नहीं दे, तो ठंड में बीमार होने का खतरा काफी अधिक होता है. शहर की जानीमानी गायनोकलॉजिस्ट पुष्पा रानी ने कहा कि ठंड के समय गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. ठंड के कारण ऐसी महिलाओं में समय पूर्व प्रसव होने का खतरा काफी अधिक रहता है. असमय दर्द होने का खतरा भी बरकरार रहता है. पानी निकलने की संभावना भी बनी रहती है. इसके अलावा सर्दी, खांसी, कोल्ड डायरिया, अस्थमा, ब्लड प्रेशर की संभावना बनी रहती है. ऐसे में बचाव का एक मात्र उपाय यह है कि लोग गर्म कपड़े पहने, घर में अलाव व रूम हीटर की व्यवस्था रखे. बाहर निकले तो शॉल व मफलर आदि पहन कर निकलें. विशेषकर छोटे बच्चों को गर्म वस्त्र पहनाकर रखें, खाली पांव नहीं घुमे, बासी व ठंडा खाना नहीं खाये.
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