नयी दिल्ली : मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावडेकर ने कहा है कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) इस महीने के अंत में बैठक करेगा और इसमें अगले शैक्षणिक सत्र से दसवीं बोर्ड परीक्षा को अनिवार्य बनाने का प्रस्ताव पारित होगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय शिक्षा का अधिकार अधिनियम में संशोधन पर काम कर रहा है और इस बारे में एक प्रस्ताव को विधि मंत्रालय ने मंजूरी प्रदान कर दी है और यह एक या दो सप्ताह में कैबिनेट के समक्ष आयेगा.
जावडेकर ने ‘ कहा, ‘‘ इस महीने सीबीएसई बोर्ड की एक बैठक होगी जिसमें एक प्रस्ताव होगा (दसवीं बोर्ड को अनिवार्य बनाने का).’ उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए मुझे विश्वास है कि 2017-18 शैक्षणिक सत्र से सभी छात्रों के लिए बोर्ड परीक्षा अनिवार्य होगी. ‘ केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह अनुचित है कि 2.3 करोड़ छात्र विभिन्न राज्य बोर्ड की परीक्षा दे रहे हो जबकि 20 लाख छात्र बोर्ड परीक्षा नही दे रहे हों.
वर्तमान नियमों के अनुसार, सीबीएसई के छात्र बोर्ड या स्कूल आधारित परीक्षा में से कोई विकल्प चुन सकते हैं. आरटीई संशोधन के बारे में पूछे जाने पर जावडेकर ने कहा कि एक बार कैबिनेट से मंजूरी मिल जाने पर इसे संसद में पेश किया जायेगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ यदि इसे स्थायी समिति के समक्ष भी रखा जाता है तो भी मुझे उम्मीद है कि अप्रैल तक हम एक संशोधन कर सकेंगे जिसमें राज्यों को यह सहूलियत मिल जायेगी जिसमें वे यह तय कर सकेंगे कि वे फेल करने या नहीं करने में से क्या चुनते हैं. ‘ अभी आरटीई के प्रावधानों में अनुसार आठवीं कक्षा तक छात्रों को नहीं फेल करने की नीति है