मुंबई : वैश्विक निर्यात के मामले में चीन की हिस्सेदारी लगातार बढ़ते जा रही है. वहीं भारत की स्थिति चीन के मुकाबले काफी कमजोर है. वैश्विक निर्यात में चीन का हिस्सा 2015 तक बढ़कर 14.2 प्रतिशत हो गया जबकि अमेरिका की भागीदारी घटकर 9.2 प्रतिशत रह गई. वहीं समान अवधि में वैश्विक निर्यात में भारत की हिस्सेदारी घटकर 1. 7 प्रतिशत रह गयी है.
यह रिपोर्ट व्यापार एवं शुल्क के सामान्य समझौते (गैट) के अस्तित्व में आने के बाद उपलब्ध आंकड़ों के आधार पर तैयार की गयी है. रपट के अनुसार आलोच्य अवधि में वैश्विक व्यापार में भारत का हिस्सा कम हुआ. 1948 में वैश्विक बाजार में भारत का हिस्सा 2.2 प्रतिशत था जो कि 2015 में घटकर 1.7 प्रतिशत रह गया. इस दौरान बीच में यह एक प्रतिशत से कम ही रहा. हालांकि, अपवाद के रुप में 1963 में यह 1.3 प्रतिशत दर्ज किया गया.
67 साल पहले वैश्विक निर्यात में चीन की हिस्सेदारी थी 0.9 %, आज बढ़कर 14.2 प्रतिशत
उल्लेखनीय है कि गैट 1948 में अस्तित्व में आया और जनवरी 1995 में विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की नींव पड़ी. रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स ने विश्व व्यापार संगठन के आंकड़ों के हवाले से इस बारे में एक रपट प्रकाशित की है. इसके अनुसार वैश्विक निर्यात में चीन के निर्यात का हिस्सा 2015 में बढकर 14.2 प्रतिशत हो गया जो कि 67 साल पहले सिर्फ 0.9 प्रतिशत था.
वहीं इसी दौरान अमेरिका का निर्यात हिस्सा 21.6 प्रतिशत से घटकर 9.2 प्रतिशत रह गया.यह रपट एजेंसी के विश्लेषक आभाश शर्मा ने लिखी है. इसके अनुसार शुरू से चीन की निर्यात आय 2015 में बढकर 2.27 लाख करोड डॉलर हो गई. यह 67 साल पहले 53 करोड़ डालर थी. हालांकि, इस संख्या की अन्य देशों से तुलना नहीं की गई है
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