मुंबई : पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार पर नोटबंदी के मुद्दे पर आज फिर एक बार हमला बोला है. चिदंबरम ने कहा है कि यह सबसे बड़ा घोटाला है और इसकी जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इससे केवल गरीब लोगों को तकलीफ हुई है और अमीरों को कोई फर्क नहीं पड़ा है. उन्होंने नोटबंदी के अभियान को खोदा पहाड़ निकली चुहिया बताया. आरबीआई को आठ नवंबर को हुई बैठक का ब्यौरा सार्वजनिक करना चाहिए, आखिर देश को भी पता चले कि बैठक में कौन-कौन से निदेशक शामिल हुए.
चिदंबरम ने कहा कि आज 100 प्रतिशत कैशलेस अर्थव्यवस्था का सपना दिखाया जा रहा है, जो संभव नहीं है. उन्होंने सवाल उठाया कि क्या तीन प्रतिशत को अचानक 100 प्रतिशत पर लाया जा सकता है. उन्होंने कहा कि नोटबंदी से उद्योग व्यापार को भारी नुकसान हुआ है और इसका लाभ लंबे समय तक जीडीपी पर दिखेगा. उन्होंने कहा कि आरबीआइ के द्वारा विकास के अनुमान में कमी से इसका संकेत भी मिलता है.
This is the biggest scam of the year and must be investigated: Former Finance Minister P Chidambaram #demonetisation pic.twitter.com/acnhtI5uL0
— ANI (@ANI) December 13, 2016
चिदंबरम ने कहा है कि सरकार को अगर नोटबंदी लागू करनी थी, तो इसके लिए एक साल की कार्ययोजना बनाते. उन्होेंने कहा कि इस फैसले ने अर्थव्यवस्था में भरोसे को कमजोर किया. पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि कम से कम इस फैसले को लेने से पहले यशवंत सिन्हा से चर्चा कर लेते, वे तो आपके ही नेता थे. उन्होंने कहा कि बैंक की लाइन में खड़े रहकर 91 लोगों की मौत हो गयी है. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों को सजा दे रही है. नोटबंदी के बाद नए नोटों को पुराने नोटों की जगह लेने में सात महीने का वक्त लग सकता है. नोटबंदी गरीबों पर हुआ गदतरीन हमला है, प्रधानमंत्री को स्वयं बाहर निकल कर एटीएम के बाहर की वास्तविक तस्वीर देखनी चाहिए.
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