मोहम्मद साहब के जन्मदिन पर जूलूस निकालते युवक .
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हजरत मो के जन्मदिन पर पकवान वितरित
मोहम्मद साहब के जन्मदिन पर जूलूस निकालते युवक . निकाले गये जुलूस और कई जगह आयोजित हुए कौव्वाली बेतिया/मझौलिया : हजरत महम्मद सल्लाहे वसल्लम का जन्मदिन सोमवार को गांव से शहर तक के मुसलमानों ने मनाया. इस मौके पर मुस्लिम समाज के लोगों की ओर से जुलूस निकाला गया. साथ ही अच्छे पकवान बनाकर गरीबों […]
निकाले गये जुलूस और कई जगह आयोजित हुए कौव्वाली
बेतिया/मझौलिया : हजरत महम्मद सल्लाहे वसल्लम का जन्मदिन सोमवार को गांव से शहर तक के मुसलमानों ने मनाया. इस मौके पर मुस्लिम समाज के लोगों की ओर से जुलूस निकाला गया. साथ ही अच्छे पकवान बनाकर गरीबों और असहायों के बीच वितरण किया गया. इसके बाद रातभर इबादत का दौर चलता रहा. वहीं फजर के नमाज तक दरूद सलाम भेजा गया. मदरसा दीनीया बेतिया के मोअल्लिम मौलाना अबुलैस साहब ने बताया कि महम्मद सल्लाहे वसल्लम का जन्म 12 रबीऔव्वल को मक्का मोकर्रमा में हुआ था. कुछ लोगों का यह भी कहना है कि उनका जन्म 9 रबीऔव्वल को हुआ था.
परंतु प्रख्यात रूप से उनका जन्म दिन 12 रबीऔव्वल को ही मनाया जाता है. और ऐसा माना जाता है कि मृत्यु भी इसी तारीख को हुआ था. बताया जाता है कि उनका जन्म सुबह सादिक के समय हुआ था और उसके बाद पूरे मक्का शहर में एक भूचाल-सा आ गया. सारे बूत मुंह के बल गिर पड़े. चारों ओर हरियाली ही हरियाली हो गयी. उनके जन्म के पूर्व ही पिता अबदुल्लाह की मृत्यु हो चुकी थी. इस कारण पालन-पोषण दादा अबदुल मोतल्लिक ने किया. दूध पिलाने के लिए देहातों से औरतों को बुलाया जाता. मगर ये सभी औरतें अमीरों के बच्चों को दूध पिलाने ऊंटनी को लेकर चली जाती. हजरत साहब अनाथ पैदा हुए थे. इसलिए दूध पिलाने के लिए औरतें ध्यान नहीं देतीं. अंत में दाई हलीमा अपने कमजोर ऊंटनी से आई और गोद में उठाकर अपने गोद में बैठा लिया. ऊंटनी पर बैठते ही ऊंटनी में जान आ गयी और सारे ऊंटनियों से आगे निकल गयी. अल्लाह ने फरमाया है कि ये आखिरी नबी थे और कयामत के दिन हजरत महम्मद भी हश्र के मैदान में अपने गुनाहों के माफी के दुआ करेंगे. उधर मझौलिया प्रतिनिधि के अनुसार मोहम्मद साहब के जन्म दिन पर देवान टोली, साह टोली समेत मझौलिया के लोगों द्वारा मोहम्मद जुलेसी जुलूस भव्य रूप से निकाला गया. जो पूरे क्षेत्र का भ्रमण किया. इसी अवसर पर एक भव्य कौव्वाली सह मुशायरा का आयोजन भी किया गया.
जिसमें गोरखपुर के कौव्वाल ने जलवा बिखेरा. इसमें मौलाना नुरालम ने पैगंबर मोहम्मद साहब के जन्म दिन पर प्रकाश डाला. मौके पर सकीर अंसारी, हामिद राजा, नसीब आलम, मोइन खां, मकबूल अहमद, मदीना मस्जिद के पेशा एमाम, कुरैशी पेशा एमाम समेत भारी तायदाद में जनसैलाब उमड़ी.
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