सर्दी का सितम. 11 डिग्री सेल्सियस पहुंचा गोड्डा का तापमान, पछिया हवा ने बढ़ायी परेशानी
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11 वर्ष का टूटा रिकाॅर्ड, सताने लगी सर्दी
सर्दी का सितम. 11 डिग्री सेल्सियस पहुंचा गोड्डा का तापमान, पछिया हवा ने बढ़ायी परेशानी कोहरे के कहर के बीच तेज पछिया हवा ने जिलेवासियों को परेशानी में डाल दिया है. अलाव के सहारे जिंदगी कट रही है. शाम ढलते ही लोग रजाई में घुस जाते हैं. 11 साल बाद ऐसी सर्दी से लोग खासे […]
कोहरे के कहर के बीच तेज पछिया हवा ने जिलेवासियों को परेशानी में डाल दिया है. अलाव के सहारे जिंदगी कट रही है. शाम ढलते ही लोग रजाई में घुस जाते हैं. 11 साल बाद ऐसी सर्दी से लोग खासे सहमे हुए हैं.
गोड्डा : कोहरे के कहर व पछिया हवा से जिले में सर्दी का सितम जारी हो गया है. दिसंबर में ही सर्दी लोगों को सताने लगी है. सोमवार को इस वर्ष सबसे अधिक ठंड व कनकनी वाला दिन रहा है. 11 वर्षों के बाद दिसंबर माह में इस तरह के ठंड से लोगों का जीना दुभर हो गया है. जिला कृषि कार्यालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार सोमवार को 11 डिग्री सेल्सियस पारा पहुंच गया है. न्यूनतम 11 डिग्री पारा व अधिकतम 14 डिग्री पारा रहने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. इस कारण काफी लोग सोमवार को अपने अपने घरों में ही रहना मुनासिब समझा है. केवल जरूरतमंद लोग ही बाजारों में अपने-अपने कार्यों को करते देखे गये हैं. अचानक बढ़े ठंड के कारण बाजारों में लोगों द्वारा केवल गरम वस्त्र की खरीदारी की जा रही है. दुकानों में खरीदारों की भीड़ लगी रही.
कड़ाके की ठंड में शहर में भीख मांगने वाले व कूड़ा बिनने वाले लोगों क ो काफी कठिनाई हुई. जब ठंड से हाल बेहाल हो गया तो कूड़ा कचरा से बिन कर लाये गये कागजात व सामानों को जला कर आग तापने का काम कियाहै. किसी तरह आग ताप कर गरीबों ने अपनी जान बचायी है.
आखिर कब तक जलेगा अलाव
कड़ाके की ठंड के बावजूद अब तक चौक चौराहे पर अलाव की व्यवस्था नहीं की गयी है. स्थानीय लोगों का कहना है कि इस तरह के ठंड के बाद भी अलाव की व्यवस्था नहीं हो पायी है. आखिर कब तक प्रशासन अलाव जलाने की व्यवस्था करेगा. वहीं गरीबों को सरकारी कंबल भी मुहैया नहीं कराया जा रहा है. सरकारी कं बल व अलाव की व्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ जाने से लोगों में आक्रोश गहराता जा रहा है.
सर्किट हाउस के बाहर ठंड से बचने के लिए लकड़ी चुनती बच्चियां.
15 मिनट सूर्य देवता के हुए दर्शन
सोमवार को धूप नहीं निकलने व शीतलहरी चलने के कारण लोगों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ा है. केवल पंद्रह मिनट ही सोमवार को सूर्य देवता के लोगों क ो दर्शन मिल पाया है. इस कारण शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को आवश्यक कार्यों के निष्पादन करने में कठिनाई झेलनी पड़ी है.
ठंड को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं है. जिससे गरीबों को परेशान होना पड़ रहा है. अलाव की व्यवस्था अविलंब होनी चाहिए.”
-वेणु चौबे, वार्ड पार्षद.
” इस तरह के ठंड के बाद भी गरीबों के बीच सरकारी कंबल नहीं बंटना प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है.”
-अमिरूल अंसारी, जेवीएम नेता.
”पारा गिरता जा रहा है लेकिन अलाव की व्यवस्था नहीं की जा रही है. मजदूर गरीब ठंड में ठिठुरने को मजबूर हैं.”
– गौरांव मंडल, सामाजिक कार्यकर्त्ता.
बाइक चालकों को बढ़ी परेशानी
दिन भर शीतलहरी चलने के कारण बाइक चालकों को सबसे अधिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. बाइक चलाने के बाद चालक तुरंत आग ताप कर ठंड से बचने का प्रयास करते रहे हैं. राहगीरों को भी परेशानी हुई है. सर्दी बढ़ने के बाद बाइक सवार जरूरी काम के कारण ही सुबह घर से निकलते हैं. तेज पछिया हवा से बचने के लिए लोग तरह-तरह के उपाय कर रहे हैं.
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