कितना अच्छा होता अगर देश के बदलाव की वर्तमान स्वरूप में एक और नियम जुड़ जाता,’राजनीति में आने से पूर्व शिक्षा व प्रशिक्षण’ अर्थात अब राजनीति में जो भी कदम रखे पहले प्रशिक्षण दौर को पार करें, कम से कम दसवीं तक शिक्षा प्राप्त किया हो! यह कदम इसीलिए भी जरूरी होता जा रहा क्योंकि देश में सही विकास हेतु राजनेताओं के विचार को भी विकासमान होना जरूरी है! देश मे पिछले 20-25 वर्षों में राजनीतिक में आयी गिरावट इसका प्रमाण है. परिवारवाद, भ्रष्टाचार, अराजकता, लूट की राजनीति पूरे देश में व्याप्त है.
विरोधी नेताओं को यह समझ नहीं आता कि विरोध करें तो किस मुद्दे पर करें, बार-बार विरोध के नाम पर बंदी कर देश का नुकसान करना कहां तक जायज है? तो क्यों न शिक्षा व प्रशिक्षण को उनके व्यवहार में भी लागू किया जाये.
हरिश्चन्द्र महतो, बेलपोस