17.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

जगदीशपुर-हल्दिया गैस पाइपलाइन के सर्वे का ग्रामीण ने किया विरोध, काम बंद

पटना : राजधानी पटना से सटे मोकाम के मरांची गांव के ग्रामीण में उस वक्त भड़क उठे जब गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के सर्वेयर द्वारा गैस परियोजना के लिये सर्वे का काम शुरू किया. ठेकेदारों द्वारा सर्वे करने से ग्रामीण आक्रोशित हुए और हंगामा करने लगे. बाद में सर्वे का काम स्थगित करना पड़ा. […]

पटना : राजधानी पटना से सटे मोकाम के मरांची गांव के ग्रामीण में उस वक्त भड़क उठे जब गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड के सर्वेयर द्वारा गैस परियोजना के लिये सर्वे का काम शुरू किया. ठेकेदारों द्वारा सर्वे करने से ग्रामीण आक्रोशित हुए और हंगामा करने लगे. बाद में सर्वे का काम स्थगित करना पड़ा. जानकारी के मुताबिक जगदीशपुर से हल्दिया गैस पाइपलाइन परियोजना के लिये मोकामा के मरांची गांव के बीच से होकर पाइपलाइन गुजरने वाला है. उसे लेकर किये जा रहे जमीन के सर्वे का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं.

ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड ने अभियंताओं को गांव के बाहर से पाइपलाइन ले जाने की संभावनाओं पर विचार करने को कहा था. इस पर एक आम सहमति भी बनी थी कि जब तक ग्रामीण जमीन अधिग्रहण के लिये सहमत नहीं होते हैं तब तक गांव के बीच में कोई काम नहीं किया जायेगा. ग्रामीणों का आरोप है कि अभियंताओं द्वारा रोजाना नये-नये नक्शे लाकर उन्हें परेशान किया जाता है. बाद में किसी तरह प्रखंड विकास पदाधिकारी के समझाने-बुझाने पर मामला शांत हुआ.

क्या है परियोजना

यूपी, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल सहित ओडिशा के घर-घर में पाइपलाइन से रसोई पहुंचाने के साथ उद्योग-धंधों को आसानी से पर्यावरण के हिसाब से ईंधन मुहैया कराने के लिये सरकार की यह महत्वपूर्ण परियोजना है. इसके लिये 13 हजार करोड़ रुपये की लागत से जगदीशपुर-हल्दिया और बोकारो-घामरा गैसा पाइपलाइन बिछाने के लिये आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने इसी वर्ष सितंबर में इसकी मंजूरी दी थी. इस प्रोजेक्टर की जिम्मेवारी गेल इंडिया को सौंपी गयी है. इस पर आने वाले खर्च का 40 फीसदी यानी 5,176 करोड़ रुपये केंद्र सरकार दे रही है. पूर्वी पांच राज्यों के आर्थिक विकास में इसका काफी योगदान रहेगा. इसकी पूरी लंबाई 2,539 किलोमीटर है. यह परियोजना ढाई वर्षों में पूरी होनी है.

होने वाले फायदे

इस पाइपलाइन से बिहार के दो खाद कारखाने बरौनी और सिंदरी को फायदा होगा. इन राज्यों में घर-घर रसोई में गैस पहुंचेगी. पाइपलाइन से जुड़े शहरों में सिटी गैस वितरण केंद्र खोलने से 19 हजार करोड़ रुपये का नया निवेश होगा. बड़े पैमाने पर छोटी और मझोली औद्योगिक यूनिटें लगेंगी. इससे बरौनी, पारादीप व हल्दिया रिफाइनरी की क्षमता में बढ़ोतरी होगी. इससे जुड़े राज्यों में हरित क्रांति को बढ़ावा मिलेगा. गैस आधारित यातायात वाहन व्यवस्था बनेगी. पर्यावरण की स्थिति में सुधार आयेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें