घटनास्थल से महज दो किमी दूर है एसएसबी का बीओपी कैंप
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डकैतों के बम से भैंस समेत चरवाहा हुआ था जख्मी
घटनास्थल से महज दो किमी दूर है एसएसबी का बीओपी कैंप सुरक्षा पर उठ रहा गंभीर सवाल ग्रामीणों ने थानाध्यक्ष से मांगी थी गश्ती टीम, पुलिस पदाधिकारियों ने नहीं दिया ध्यान परिहार : 10 मई 2013 को भिसवा बाजार पर एक व्यवसायी के घर डकैती की सुचना पर पहुंची गश्ती दल के पहुंचने पर डकैतों […]
सुरक्षा पर उठ रहा गंभीर सवाल
ग्रामीणों ने थानाध्यक्ष से मांगी थी गश्ती टीम, पुलिस पदाधिकारियों ने नहीं दिया ध्यान
परिहार : 10 मई 2013 को भिसवा बाजार पर एक व्यवसायी के घर डकैती की सुचना पर पहुंची गश्ती दल के पहुंचने पर डकैतों की ओर से ताबड़तोड़ बम-विस्फोट किया गया था. तब पुलिस का गश्ती दल डर से पीछे हट गयी थी और गश्ती दल ने उनसे लोहा लेना मुनासिब नहीं समझा था.
बाद में तत्कालीन एसपी पंकज सिन्हा ने गश्ती दल मे शामिल परिहार थाना के जमादार बच्चू सिंह सहित पूरे दल को निलंबित कर दिया था. भारत-नेपाल सीमा के सटे परिहार व बेला थाना का इलाका डकैती के दृष्टिकोण से काफी संवेदनशील रहा है. हर बार पुलिस को गंभीर चुनौती मिली है. इलाके में डकैती की घटित घटनाएं इसकी पुष्टि कर रहा है.
8 अप्रैल 2013 को बेला मच्छपकौनी निवासी सुरेश महतो के घर लाखों की डकैती, 22 जुन 2015 को बेला मच्छपकौनी के अशोक प्रसाद के घर तीन लाख की डकैती, 24 जुलाई 2015 को बेला मच्छपकौनी के विंध्याचल प्रसाद के घर डकैती, 11अक्टूबर 2015 को बेला के राज किशोर प्रसाद के घर डकैती, 12नवंबर 2015 को अंदौली निवासी सीमेंट व्वसायी मो रउफ के घर चार लाख कि डकैती. 16नवंबर 2015 को भिसवा चगेनवा के पंच नारायण के घर 10 लाख की डकैती,
एक मई 2016 को दिन दहाड़े सौरभर-मनपौर पुल के निकट नेपाल के कटैया निवासी जितेन्द्र प्रसाद से 23 लाख की लूट में शामिल अपराधियों की अब तक गिरफ्तारी नहीं होना पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहा है.
परिहार में डकैतों के डर से पीछे हट गया था गश्ती दल
जमादार बच्चू सिंह समेत पूरी टीम पर हुई थी कार्रवाई
तत्कालीन पुलिस कप्तान ने किया था निलंबित
डकैती की कई घटनाओं में नहीं मिला कोई सुराग
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