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कोयला संकट के चलते कांटी से नहीं मिल रही पूरी बिजली

पटना : कोयला संकट के कारण पिछले एक माह से कांटी बिजली घर से पूरी बिजली नहीं मिल पा रही है. कभी एक तो कभी दोनों यूनिट कोयला संकट के चलते बंद हो जाता है. महीने में औसतन 15-20 दिन ही कांटी बिजली घर से बिजली की आपूर्ति होती है. दोनों यूनिट से एक साथ […]

पटना : कोयला संकट के कारण पिछले एक माह से कांटी बिजली घर से पूरी बिजली नहीं मिल पा रही है. कभी एक तो कभी दोनों यूनिट कोयला संकट के चलते बंद हो जाता है. महीने में औसतन 15-20 दिन ही कांटी बिजली घर से बिजली की आपूर्ति होती है.
दोनों यूनिट से एक साथ कभी-कभार ही बिजली की आपूर्ति होती है. इस महीने में कांटी से औसतन 90 से 100 मेगावाट बिजली की आपूर्ति हो रही है. कांटी बिहार की अपनी उत्पादन इकाई है. अभी यहां 110 मेगावाट क्षमता का दो यूनिट चालू है. 220 मेगावाट की जगह 100 से 90 मेगावाट बिजली की आपूर्ति यहां से होती है. कोयला संकट के कारण 4 दिसंबर से एक यूनिट बंद है.
इसके पहले कोयला संकट के कारण दोनों यूनिट में उत्पादन ठप हो गया था. पिछले महीने करीब 20 दिनों तक कोयला संकट के कारण दोनों उत्पादन इकाइयों में उत्पादन ठप रहा.
बताया जाता है कि कांटी बिजली घर पर कोयला का करीब 200 करोड़ रुपये बकाया है जिसके चलते कोयला की आपूर्ति ठप हो जाती है. हालांकि, अब स्थिति में सुधार की उम्मीद है. कांटी बिजली घर को अभी तक इसीएल से कोल लिंकेज था. यहां का कोयला मंहगा पड़ता था. बिहार ने सीसीएल से कोल लिंकेज का अनुरोध किया था. जिसे भारत सरकार ने मान लिया. सीसीएल से कोल लिंकेज मिल जाने के बाद बिजली उत्पादन के खर्च में एक रुपये की कमी आयोगी. अभी उत्पादन खर्च 3.70 से 5 रुपये तक आता है.
मुख्यमंत्री इसी साल 29 जनवरी को इस संबंध में अनुरोध कर चुके थे. ऊर्जा मंत्रियों के सम्मेलन में राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने केंद्रीय ऊर्जा व कोयला मंत्री पीयूष गोयल के समक्ष इस मुद्दे को उठाया था. बिहार के अनुरोध पर भारत सरकार सकारात्मक रुख अपनाते हुए सीसीएल से कोल लिंकेज दे दिया.
वहीं शुक्रवार को भी कांटी की एक यूनिट में कोयला संकट के कारण उत्पादन ठप रहा. यहां से 90 मेगावाट बिजली मिली. सेंट्रल पुल से 1758 मेगावाट बिजली मिली. बाजार से 1514 मेगावाट बिजली खरीदकर शुक्रवार को राज्य में 3362 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की गयी.
बिना इनवर्टर मिलेगी निर्बाध बिजली, यूडीसी स्कीम लागू करने वाला बिहार बना पहला राज्य
पटना : बिजली के क्षेत्र में बिहार ने एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. अब राज्य के लोगों को िर्बाध बिजली के लिए इनवर्टर की जरूरत नहीं पड़ेगी. सरकार ने यूडीसी स्कीम (अनइंट्रैप्ट डाइरेक्ट करेंट) का उपयोग करने का फैसला लिया है.
पायलट प्रोजेक्ट के तहत पहले सासाराम जिले का इसके लिए चयन किया गया है.यूडीसी स्कीम लागू कर बिहार देश का पहला राज्य बन गया है. यूडीसी स्कीम के तहत एक फीडर ( मिनी फीडर) शुक्रवार को चालू हो गया है. आरइसी योजना की नोडल एजेंसी थी.आइआइटी मद्रास का इसमें तकनीकी सहयोग लिया गया था.

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