सरायकेला : आजसू पार्टी प्रमुख सुदेश महतो ने कहा है कि केवल शिलान्यास व इमारत खड़ी करने से विकास नहीं होता है. सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन को लेकर आजसू वैधानिक लड़ाई लड़ेगी. पार्टी बड़े भाजपा नेताओं से मिलकर उन्हें इस संशोधन से राज्य के आदिवासी-मूलवासी लोगों पर पड़ने वाले दूरगामी प्रभाव से भी अवगत करायेगी. श्री महतो सरायकेला में आयोजित पार्टी के मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे.
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सरायकेला में पार्टी के मिलन समारोह में बोले सुप्रीमो सुदेश महतो
सरायकेला : आजसू पार्टी प्रमुख सुदेश महतो ने कहा है कि केवल शिलान्यास व इमारत खड़ी करने से विकास नहीं होता है. सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन को लेकर आजसू वैधानिक लड़ाई लड़ेगी. पार्टी बड़े भाजपा नेताओं से मिलकर उन्हें इस संशोधन से राज्य के आदिवासी-मूलवासी लोगों पर पड़ने वाले दूरगामी प्रभाव से भी अवगत करायेगी. […]
उन्होंने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट से राज्य के 80 प्रतिशत समुदाय (एसटी, एससी व ओबीसी) प्रभावित हो रहे हैं. स्वतंत्रता आंदोलन के बाद से ही आदिवासी-मूलवासी समुदाय के लोगों ने अपनी जमीन व पहचान दोनों खोयी है. ऐसे में मन में भय होना स्वाभाविक है. सीएनटी-एसपीटी एक्ट पर सरकार को इतनी क्या हड़बड़ी थी कि इसे बिना सदन में लाये गलत तरीके से कैबिनेट में पास कराकर सीधे राजभवन व राष्ट्रपति को भेज दिया गया. बाद में राष्ट्रपति भवन से जब संशोधन प्रस्ताव को वापस कर दिया गया,
तो सरकार इसे सदन में ले आयी और तीन मिनट के भीतर ही इतने बड़े कानून को पास करा दिया. सदन में विपक्ष एक्ट में संशोधन प्रस्ताव पर चरचा करने की बजाय कुर्सी तोड़ने में लगी हुई है. राजनीति केवल पांच वर्षों के लिए नहीं होती. इस निर्णय का भविष्य पर भी असर पड़ेगा.
सरकार ने आनन-फानन में क्यों पास कराया संशोधन प्रस्ताव
विपक्ष ने भी चरचा की बजाय कुर्सी तोड़ने पर ज्यादा ध्यान दिया
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