मरुडु : इंडोनेशिया के असेह प्रांत में बुधवार तड़के समुद्र की गहराई में आये 6.5 तीव्रतावाले शक्तिशाली भूकंप ने भारी तबाही मचायी है. इस प्राकृतिक आपदा ने 97 लोगों की जान ले ली, जबकि सैकड़ों लोग घायल हो गये. यूएस जियोलॉजिकल सर्वे के मुताबिक, भूकंप बुधवार तड़के 5:03 बजे उत्तरी असेह प्रांत के शहर रेउलेउट से दस किमी दूर 17 किमी की गहराई में आया, लेकिन इससे सुनामी नहीं आयी.
भूकंप से सबसे ज्यादा नुकसान प्रांत के बिरेयन और पीडी जाया जिले में हुआ है. भूकंप उस समय आया, तब मुसलिम बहुल इलाके में लोग सुबह की नमाज की तैयारी कर रहे थे. भूकंप से घबराये लोग घरों से बाहर निकल आये और भगदड़ जैसी स्थिति बन गयी. भूकंप की वजह से सैकड़ों मकान और दुकानें जमींदोज हो गये हैं. अनेक मसजिदें और इमारतें ध्वस्त हो गयी हैं. सड़कों में दरारें आ गयी हैं और बिजली के खंबे गिर पड़े हैं. हजारों लोग बेघर हो गये हैं और भोजन और पानी जैसी बुनियादी चीजों की किल्लत हो गयी है. आसेह प्रांत के सेना प्रमुख ततांग सुलेमान ने बताया कि बचाव एवं तलाशी अभियान में 1,000 से अधिक सैनिक और करीब 900 पुलिसकर्मी तैनात किये गये हैं. बचावकर्मी मलबा हटा रहे हैं. माना जा रहा है कि मलबे के नीचे कई लोग और दबे हो सकते हैं.
जलवायु एवं भूभौतिकी एजेंसी ने कहा कि भूकंप के बाद कम से कम पांच झटके और आये हैं. इसकी तीव्रता 6.4 था. एजेंसी ने जान-माल का नुकसान होने की आशंका के लिए येलो अलर्ट जारी किया है.
ऐसा लगा, अब सुनामी आनेवाली है
प्राकृतिक आपदाओं के गवाह बन चुके असेह की तकलीफदेह यादें एक बार फिर ताजा हो गयी है. 26 दिसंबर, 2004 को भूकंप के कारण यहां भयावह सुनामी आयी थी, जिसके कारण असेह में एक लाख से ज्यादा लोगों की मौत हो गयी थी. मरुडु के निवासी मुस्मान अजीज ने बताया कि भूकंप के झटके वर्ष 2004 में आये भूकंप से भी ज्यादा तेज थे. मैं बहुत घबरा गया, मुझे लगा कि अब सुनामी आनेवाली है. मरुडु निवासी हस्बी जाया (37) ने कहा कि जब भूकंप आया, तब उनका परिवार सो रहा था. हम तत्काल घर से बाहर भागे. मकान ढह गया. छत से लेकर फर्श तक सब कुछ ढह गया, तबाह हो गया. मैंने चारों ओर देखा. मेरे सभी पड़ोसियों के घर भी तबाह हो चुके थे. एक अन्य प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि स्थानीय रहवासी सड़कों पर रहने को मजबूर हैं, क्योंकि उनके घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं तथा उन्हें और झटके आने का डर भी है.
यहां क्यों आता है भूकंप
इंडोनेशिया में भूकंपीय और ज्वालामुखीय हलचल होती रहती है, क्योंकि यह प्रशांत क्षेत्र में ‘रिंग ऑफ फायर’ पर स्थित है, जहां टेक्टोनिक प्लेटें आपस में टकराती हैं. असेह प्रांत सुमात्रा द्वीप के उत्तरी छोर पर है. यह इलाका भूकंप के लिहाज से खासतौर पर संवदेनशील है.
2,30,000 लोगों की हुई थी मौत
वर्ष 2004 में भूकंप के कारण आयी सुनामी में दर्जनभर देशों में 2,30,000 लोगों की मौत हो गयी थी. इनमें से 1,70,000 से ज्यादा लोगों की मौत इंडोनेशिया में हुई थी. गत जून माह में सुमात्रा के पश्चिमी इलाके में 6.5 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें कई लोग मारे गये थे.