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शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल भेजने का मामला : SC ने सुनवाई 15 दिसंबर तक टाली

नयी दिल्ली : पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड और तेजाब कांड समेत कई मामलों के आरोपी राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को सीवान जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल शिफ्ट करने के मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुयी. सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले में अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी. इससे पहले […]

नयी दिल्ली : पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड और तेजाब कांड समेत कई मामलों के आरोपी राजद के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को सीवान जेल से दिल्ली की तिहाड़ जेल शिफ्ट करने के मामले पर बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुयी. सुप्रीम कोर्ट में अब इस मामले में अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायाधीश अमिताव राय की खंडपीठ के समक्ष सीबीआइ ने इस मामले में दलील देते हुए कहाथा कि शहाबुद्दीन को तिहाड़ जेल हस्तांतरित करने पर उसे कोई आपत्ति नहीं है. आरोपी के राजनीतिक प्रभाव को देखते हुए ऐसा करना जरूरी है. गौरतलब है कि मंगलवार को शहाबुद्दीन के वकील ने उन्हें तिहाड़ जेल भेजने का विरोध करते हुए कहा था कि निष्पक्ष सुनवाई का अधिकार आरोपी को भी है.

बुधवार को खंडपीठ ने कहा कि आरोपी पक्ष की आेर से बार-बार निष्पक्ष सुनवाई की बात कही गयी है, लेकिन हमें ध्यान रखना चाहिए कि आरोपी के साथ पीड़ित पक्ष के लिए निष्पक्ष सुनवाई काफी मायने रखती है. पीड़ित के साथ किसी प्रकार की नाइंसाफी को न्यायोचित नहीं माना जा सकता है. पीड़ित पक्ष को न्याय मिलना जरूरी है ताकि न्याय के प्रति लोगों का विश्वास बना रहे.

सुनवाई के दौरान शहाबुद्दीन के वकील ने फिर कहा कि सभी मामले राजनीति से प्रेरित है और अगर आरोपी को बाहर के जेल में भेजा गया तो यह उसके संवैधानिक अधिकारों का हनन होगा. इस मामले में बिहार सरकार, सीबीआइ, शहाबुद्दीन और पीड़ित पक्ष अपनी दलील खंडपीठ के सामने रख चुके हैं और उम्मीद है कि गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट इस मामले में फैसला सुना सकता है.

गौर हो कि पत्रकार राजदेव रंजन हत्याकांड में पत्नी आशा रंजन और तेजाब हत्याकांड चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू ने सुप्रीम कोर्ट में मुकदमा कर शहाबुद्दीन को सीवान जेल से स्थानांतरित करने की मांग की है. शहाबुद्दीन के जेल व उनके मुकदमों के हस्तांतरण को लेकर पहले ही बिहार सरकार सुप्रीम कोर्ट में कह चुकी है कि उसे इसमें कोई आपत्ति नहीं है.

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