पटना : ग्रामीण विद्युतीकरण की महत्वाकांक्षी योजना दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना का काम इस महीने के अंत तक शुरू हो जायेगा. टेंडर की सारी प्रक्रिया पूरी हो गयी है. चयनित संवेदकों को जल्द ही काम अलॉट हो जायेगा. इस योजना के तहत राज्य में 288 नया पावर सब स्टेशन बनना है. सब स्टेशन के निर्माण पर 5827.21 करोड़ खर्च होगा. दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना का मुख्य फोकस कृषि फीडर और सांसद आदर्श ग्राम योजना पर है. 2018 के अंत तक इस काम को पूरा हो जाना है. बिजली राज्य सरकार की प्राथमिकता में बिजली शामिल है.
राज्य सरकार बिजली आपूर्ति के सातों दिन 24 घंटे के कंसेप्ट पर काम कर रही है. घरों में 24 घंटे और कृषि क्षेत्र के लिए लगातार 8 घंटे बिजली मिलना है. कृषि सेक्टर के लिए राज्य को तीन भाग में बांटकर अलग से फीडर बिछाया जायेगा. दीन दयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में 288 नया पावर सब स्टेशन का निर्माण होगा. साउथ बिहार बिजली वितरण कंपनी के क्षेत्र में 117 तथा नॉर्थ बिहार बिजली वितरण कंपनी के क्षेत्र में 171 पावर सब स्टेशन का निर्माण होगा. नॉर्थ बिहार में 3394 करोड़ तथा साउथ बिहार में 2433 करोड़ खर्च होगा. सौ पावर सब स्टेशन के लिए जमीन भी उपलब्ध हो गया है. 60000 से अधिक नया ट्रांसफॉर्मर लगाया जायेगा. पुराने पावर सब स्टेशनों की क्षमता बढ़ाई जायेगी.
दीनदयाल योजना से सबसे अधिक लाभ किसानों को ही मिलेगा. अभी राज्य में कृषि कार्य के लिए अलग फीडर नहीं है. इस योजना से किसानों को पटवन में काफी सहूलियत होगी. विभागीय अधिकारियों के अनुसार काम में तेजी लाने और समय पर पूरा करने के उद्देश्य से एक कंपनी को अधिकतम तीन जिले में काम ही मिलेगा. दो साल में योजना को पूरा कर देना है.
20 से 30 फीसदी बिजली दर बढ़ाने का प्रस्ताव
राज्य की दोनों बिजली वितरण कंपनियां साऊथ व नॉर्थ बिहार बिजली वितरण कंपनी ने मौजूदा बिजली दर में 20 से 30 फीसदी वृद्धि का प्रस्ताव बिहार विनायामक आयोग को दिया है. चालू वित्तीय वर्ष में आयोग ने बिजली दर में किसी तरह की बढ़ोतरी नहीं की थी. आयोग के निर्णय के खिलाफ बिजली कंपनियां एपटेल (एपीलेट ट्रिब्यूनल फॉर इलेक्ट्रिसिटी) में चली गयी. एपटेल ने बिहार राज्य विद्युत विनियामक आयोग के बिजली दर नहीं बढ़ाने के तर्क को खारिज कर दिया और बिजली कंपनियों से फिर से याचिका दायर करने को कहा. एपटेल ने आयोग से चार माह के भीतर इसकी सुनवाई करने को कहा. बिजली कंपनियों की 500 पन्ने की याचिका में बताया गया है कि मौजूदा टैरिफ चालू वित्तीय वर्ष 2016-17 के लिए निर्धारित विद्युत बिक्री दर (अनुदानित उपभोक्ताओं के लिए प्रति इकाई अनुदान की राशि छोड़कर) न्यूनतम 5.70 रुपये से अधिक और 7.50 रुपये प्रति यूनिट है. जबकि अनुदान सहित औसत टैरिफ 1.70 से 7.50 रुपया प्रति यूनिट है. इसकी तुलना में प्रस्तावित औसत टैरिफ (अनुदान रहित) 6.97 से 9.50 रुपया प्रति यूनिट के दर से प्रस्तावित है. प्रस्तावित टैरिफ को पड़ोसी राज्यों के टैरिफ के बराबर रखने का प्रयास किया गया है. दोनों विद्युत वितरण कंपनियों के द्वारा वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए वार्षिक राजस्व की जरूरत के साथ साथ साल 2015-16 का वास्तविक राजस्व आवश्यकता तथा वर्ष 2016-17 का वार्षिक प्रदर्शन मूल्यांकन भी बिहार विद्युत विनियामक आयोग के समक्ष टैरिफ याचिका में दायर किया गया है. याचिका में टैरिफ चार्ज स्लैब की संख्या 150 से घटा कर 28 प्रस्तावित है. साथ ही सभी तरह के उपभोक्ताओं के लिए न्यूनतम मासिक उपभोग को हटाने का प्रस्ताव है. 2018 तक सभी को बिजली उपलब्ध कराने के लक्ष्य को भी ध्यान में रखा गया है.
समय सीमा के अंदर ऑनलाइन से विद्युत विपत्र का भुगतान हेतु उपभोक्ताओं को 1 फीसदी अतिरिक्त प्रोत्साहन स्वरूप देने का प्रस्ताव है.अग्रिम भुगतान पर उपभोक्ताओं को भुगतान की गयी राशि पर 6 फीसदी की दर से ब्याज देने का प्रस्ताव है. बीपीएल उपभोक्ताओं को अनुदानित दर पर वर्तमान में 30 यूनिट के खपत को बढ़ाकर 50 यूनिट करने का प्रस्ताव है.
पटना में होंगे 17 नये पावर सब स्टेशन
दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना में सबसे अधिक पावर स्टेशन पटना में बनना है. पटना में 17 पीएसएस बनना है. इसके अलावा रोहतास में 13, औरंगाबाद, पूर्वी चंपारण दरभंगा में 12-12, मधुबनी, समस्तीपुर व गया में 11-11, गोपालगंज, सहरसा, सारण, सीवान, वैशाली में 10-10 बेगूसराय, पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी में 9-9, अररिया, जमुई व कैमूर में 8-8, किशनगंज, पूर्णिया,बांका, मुंगेर में 7-7, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर में 6-6, खगड़िया लखीसराय व नवादा में 5-5, सुपौल, भोजपुर, बक्सर व नालंदा में 4-4 कटिहार, अरवल, भागलपुर, जहानाबाद, शेखपुरा में तीन-तीन और शिवहर में 2 पावर सब स्टेशन बनना है.