मामले की गंभीरता को देखते हुए निदेशक प्रमुख ने गया के सिविल सर्जन को सभी उन कर्मचारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने का आदेश दिया है जिनके प्रभार में नियुक्ति संबंधी फाइल रखी हुई हैं. इसमें से सैकड़ों सेवानिवृत्त हो चुके हैं और सैकड़ों नौकरी कर रहे हैं. जैसे ही यह मामला प्रकाश में आया इसकी छानबीन शुरू हो गयी. फर्जी तरीके से नियुक्त किये गये कर्मचारियों के संबंध में फाइल की मांग की जाती रही पर सिविल सर्जन उपलब्ध नहीं करा सके.
हैरानी की बात है कि वहां के एक सिविल सर्जन ने भी फर्जी नियुक्ति की जांच की. इसको लेकर क्षेत्रीय उप निदेशक,गया को मामले की जांच का आदेश दिया गया. क्षेत्रीय उप निदेशक ने भी रिपोर्ट दी कि सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा फर्जी नियुक्ति की फाइल यह कह कर टाल दी जा रही है कि ऐसी फाइल नहीं मिल रही है. मामले की सोमवार को सुनवाई करते हुए निदेशक प्रमुख (प्रशासन) ने सोमवार को गया के सिविल सर्जन को आदेश दिया कि वह वैसे सभी कर्मियों के खिलाफ एफआइआर करें जिनके प्रभार में अभी तक नियुक्ति संबंधित फाइल रखी गयी थी.