सोसाइटी के अध्यक्ष डॉ डीके शाही ने बताया कि इंटरनेशनल यूनियन ऑफ स्वायल साइंस के निर्देश पर पूरे विश्व में साठ हजार मृदा वैज्ञानिकों की सहभागिता से विश्व मृदा दिवस मनाया जा रहा है. धन्यवाद ज्ञापन सोसाइटी के कोषाध्यक्ष डॉ अरविंद कुमार ने दिया. कार्यक्रम में संत जोसेफ स्कूल, कांके के दसवीं कक्षा के करीब 120 छात्र, कृषि संकाय के छात्र तथा शिक्षकों ने भाग लिया. मौके पर डॉ जेड ए हैदर, डॉ एमएस यादव, डॉ एनके रॉय, डॉ राकेश कुमार, डॉ एसबी कुमार, डॉ एनसी गुप्ता आदि उपस्थित थे.
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मार्च तक 80% किसानों को मृदा कार्ड दिलायेंगे
रांची: बिरसा कृषि विवि के कुलपति व राज्य के कृषि सचिव डॉ नीतिन मदन कुलकर्णी ने कहा है कि अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए अंसतुलित मात्रा में रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से तथा भूमि संरक्षण के अभाव में भूमि की मृदा स्वास्थ्य की स्थिति चिंतनीय हो गयी है. इसके प्रभाव से फसलों के उत्पादकता […]
रांची: बिरसा कृषि विवि के कुलपति व राज्य के कृषि सचिव डॉ नीतिन मदन कुलकर्णी ने कहा है कि अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए अंसतुलित मात्रा में रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से तथा भूमि संरक्षण के अभाव में भूमि की मृदा स्वास्थ्य की स्थिति चिंतनीय हो गयी है. इसके प्रभाव से फसलों के उत्पादकता में कमी के साथ-साथ भूमि में विषैले तत्वों की बढ़ोतरी हो रही है. जल भी प्रदूषित हो रहा है अैार फसल की गुणवत्ता के साथ उपज में भी कमी देखी जा रही है. किसानों द्वारा जानकारी के अभाव में अनियमित ढंग से रासायनिक उर्वरकों के व्यवहार तथा जैविक खादों के उपयोग में कमी के कारण भूमि की उर्वरता घट रही है.
इसे देखते हुए राज्य सरकार ने मार्च 2017 तक राज्य के करीब 80 प्रतिशत किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है. इसके लिए राज्य के सभी प्रखंडों में किसानों के खेत से मृदा नमूनों का संग्रह कराया जा रहा है. राज्य के किसानों क बीच मृदा स्वास्थ्य प्रबधंन तकनीक के प्रसार को प्राथमिकता दी जा रही है. राज्य सरकार अब हाई स्कूल के शिक्षा में कृृषि विषय की जानकारी के साथ स्कूल की प्रयोगशालाओं में मिट्टी जांच की सुविधा पर विचार कर रही है. डॉ कुलकर्णी सोमवार को बिरसा कृषि विवि में विश्व मृदा दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे. इस कार्यक्रम का आयोजन इंडियन सोसाइटी ऑफ स्वायल साइंस, रांची चैप्टर के सौजन्य से किया गया.
मौके पर प्रसार शिक्षा निदेशक डॉ आरपी सिंह रतन ने बताया कि मृदा हमारी देश की संपत्ति है. मृदा स्वास्थ्य को बनाये रखते हुए टिकाऊ एवं उपजाऊ खेती के लिए मृदा के भौतिक, रासायनिक एवं जैविक गुणों के समुचित संरक्षण पर ध्यान दिये जाने की आवश्यकता है. कृषि डीन डॉ राघव ठाकुर ने सीमित जमीन और बढ़ती जनसंख्या की खाद्यान्न आवश्यकता को देखते हुए मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन को सर्वोच्च प्राथमिकता देने पर बल दिया. सोसाइटी के सचिव डॉ बीके अग्रवाल ने आगंतुकों का स्वागत किया.
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