वाराणसी : मशहूर शहनाई वादक और भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह की पांच शहनाई चोरी हो गयी है. यह चोरी उनके वाराणसी स्थित आवास से हुई है. इस संबंध में प्राथमिकी दर्ज करा दी गयी है. चोरी हुई शहनाइयों में से एक उनकी पसंदीदा शहनाई थी जो वह मुहर्रम के जुलूस में बजाया करते थे. दस बरस पहले बिस्मिल्लाह खान के इंतकाल के बाद से ही उनकी याद में संग्रहालय बनाने की मांग होती रही लेकिन अभी तक कोई संग्रहालय नहीं बन सका.
ऐसे में उनकी अनमोल धरोहरें उनके बेटों के पास घर में संदूकों में पड़ी हैं जिनमें से पांच शहनाइयां कल रात चोरी हो गयी. बिस्मिल्लाह खान के पौत्र रजी हसन ने वाराणसी बताया ,‘‘ हमें कल रात इस चोरी के बारे में पता चला और हमने पुलिस में एफआईआर दर्ज कराई है. चोरी गए सामान में चार चांदी की शहनाइयां, एक चांदी की और एक लकड़ी की शहनाई, इनायत खान सम्मान और दो सोने के कंगन थे.”
उन्होंने बताया ,‘‘ हमने पिछले दिनों दालमंडी में नया मकान लिया है लेकिन 30 नवंबर को हम सराय हरहा स्थित पुश्तैनी मकान में आये थे जहां दादाजी रहा करते थे. मुहर्रम के दिनों में हम इसी मकान में कुछ दिन रहते थे. जब नये घर लौटे तो दरवाजा खुला था और संदूक का ताला भी टूटा हुआ था. अब्बा ( काजिम हुसैन ) ने देखा कि दादाजी की धरोहरें चोरी हो चुकी थीं.”
हसन ने कहा ,‘‘ ये शहनाइयां दादाजी को बहुत प्रिय थीं. इनमें से एक पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिंहराव ने उन्हें भेंट की थी, एक केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने और एक लालू प्रसाद यादव ने दी थी जबकि एक उन्हें उनके एक प्रशंसक से तोहफे में मिली थी.” उन्होंने कहा ,‘‘ इनमें से एक उनकी सबसे खास शहनाई थी जिसे वह मुहर्रम के जुलूस में बजाया करते थे. अब उनकी कोई शहनाई नहीं बची है. शायद रियाज के लिए इस्तेमाल होने वाली लकड़ी की कोई शहनाई बची हो. उनकी धरोहरों के नाम पर भारत रत्न सम्मान, पदमश्री , उन्हें मिले पदक वगैरह हैं.” यह पूछने पर कि इतनी अनमोल धरोहरें उन्होंने घर में क्यों रखी थीं , हसन ने कहा कि पिछले दस साल से उनका परिवार इसकी रक्षा करता आया था तो उन्हें लगा कि ये सुरक्षित हैं.
उन्होंने कहा ,‘‘ हमें पहले उम्मीद थी कि दादाजी की याद में म्युजियम बन जायेगा लेकिन नहीं बन सका. हम इतने साल से उनकी धरोहरों को सहेजे हुए थे. हमें क्या पता था कि घर से उनका सामान यूं चोरी हो जायेगा.”
Five shehnais of late Bharat Ratna Ustad Bismillah Khan goes missing from his residence in Varanasi (UP), FIR registered.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) December 5, 2016
गौरतलब है कि उस्ताद बिस्मिल्लाह खान देश के मशहूर शहनाई वादक थे. उन्हें वर्ष 2001 में भारत रत्न से सम्मानित किया गया था. वर्ष 2006 में उनका देहांत हो गया था. वे बिहार के डुमरांव जिले के रहने वाले थे, लेकिन उन्होंने अपना पूरा जीवन उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बिताया था. वे एक मुसलमान परिवार से थे, लेकिन वे देवी सरस्वती के उपासक थे और गंगा किनारे बैठकर रियाज किया करते थे.