सुधार. शराबबंदी के बाद अब श्वेत क्रांित की पहल, दुग्ध उत्पादन से जुड़े कई परिवार
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155 परिवारों की बदलेगी दशा व दिशा
सुधार. शराबबंदी के बाद अब श्वेत क्रांित की पहल, दुग्ध उत्पादन से जुड़े कई परिवार जिस इलाकों में शराब की भट्ठियां जला करती थीं, वहां अब दूध की भट्ठियां उबल रही है. पूर्णिया : राज्य सरकार द्वारा 01 अप्रैल से लागू किये गये पूर्ण शराबबंदी के बाद जिले में ऐसे लोगों की तादाद लगातार बढ़ […]
जिस इलाकों में शराब की भट्ठियां जला करती थीं, वहां अब दूध की भट्ठियां उबल रही है.
पूर्णिया : राज्य सरकार द्वारा 01 अप्रैल से लागू किये गये पूर्ण शराबबंदी के बाद जिले में ऐसे लोगों की तादाद लगातार बढ़ रही है, जो पहले शराब के अवैध कारोबार से जुड़े हुए थे और अब पशुपालन से जुड़ कर न केवल समाज में नजीर बन रहे हैं, बल्कि श्वेत क्रांति के वाहक भी बन रहे हैं. ऐसे लोगों की जिंदगी की दशा और दिशा बदल चुकी है. कल तक जिन इलाकों में शराब की भट्ठियां जला करती थी, वहां अब दूध की भट्ठियां उबल रही है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जिला मुख्यालय में आयोजित एक समारोह में 13 जून को लाइन बस्ती की 09 महिलाओं को दुग्ध उत्पादन के लिए गाय के लिए राशि उपलब्ध करायी गयी थी.
ऐसे परिवार अब पूरी तरह दुग्ध उत्पादन से जुड़ कर अतीत के कारोबार से तौबा कर चुके हैं. इस कड़ी में अब 155 परिवार और जुड़ रहे हैं, जो 09 दिसंबर को रंगभूमि मैदान में आयोजित चेतना सभा में दुग्ध उत्पादन के लिए मुख्यमंत्री के हाथों चेक प्राप्त करेंगे.
155 परिवार को मिलेगी गाय के लिए राशि : सामाजिक बदलाव के लिए किये जा रहे प्रयास की इस दिशा में जिला प्रशासन एक बार फिर 155 परिवार को दुग्ध उत्पादन से जोड़ने की तैयारी में जुटा है. इस योजना को अंतिम रूप दिया जा चुका है. मुख्यमंत्री के आगमन के मौके पर संभावना जतायी जा रही है कि 155 लोगों को गाय की राशि उपलब्ध करायी जायेगी.
इसमें कसबा प्रखंड से 02, श्रीनगर से 46, पूर्णिया पूर्व से 35, केनगर से 37, बनमनखी से 22, अमौर से 04 और रूपौली से 09 लोगों का चयन किया गया है. खास बात यह है कि सभी लाभुक 01 अप्रैल से पूर्व शराब के अवैध कारोबार से जुड़े हुए थे. बहरहाल उनमें से अधिकांश बेरोजगार हैं या फिर छोटी-मोटी मजदूरी कर बड़ी मुश्किल से अपने परिवार का गुजारा कर रहे हैं. जीविका द्वारा गहन जांच-पड़ताल के बाद लाभुकों की सूची जिला प्रशासन के सहयोग से तैयार की गयी है.
पूर्व में नौ महिलाएं हुई थीं योजना से लाभांवित
पूर्ण शराबबंदी की घोषणा के बाद जिला मुख्यालय का लाइन बस्ती सुर्खियों में रहा था. दरअसल यहां रह रहे जनजाति समुदाय के लोगों द्वारा व्यापक पैमाने पर अवैध शराब तैयार कर उसकी बिक्री की जाती थी.
शराबियों के बीच लाइन बस्ती शराब बस्ती के रूप में मशहूर था. पूर्ण शराबबंदी की घोषणा के बाद यहां अवैध शराब के कारोबार से जुड़े परिवारों का चयन किया गया और उन्हें दुग्ध उत्पादन योजना से जोड़ा गया. इन परिवार के महिला सदस्यों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों इंदिरा गांधी स्टेडियम में 13 जून को गाय की खरीद के लिए चेक उपलब्ध कराये गये थे. लाभुकों में श्रवण उरांव की पत्नी बच्ची देवी, सनोज उरांव की पत्नी लालमुनि देवी, अशोक उरांव की पत्नी ललिता देवी, स्व पप्पू उरांव की पत्नी मीला देवी, संजय उरांव की पत्नी राजकुमारी देवी, रमेश उरांव की पत्नी सरिता देवी, स्व श्रीप्रसाद उरांव की पत्नी बिष्णी उरांव एवं स्व वासुदेव उरांव की पत्नी तुसिया देवी शामिल थी.
लाइन बस्ती की बदली दशा और दिशा
लाइन बस्ती के ये परिवार जब से दुग्ध उत्पादन से जुड़े हैं, इनकी दशा और दिशा बदल चुकी है. जहां पहले फिजां में महुआ की गंध तैरा करती थी, वहां अब दूध की महक मौजूद है. मुहल्ले में नशे में धुत लोग एक दूसरे से गाली-गलौज करते हुए नजर आते थे तो पीकर होश खोने वाले सड़क और नालियों के किनारे पड़े हुए भी मिलते थे.
जिन परिवारों में अवैध शराब तैयार किये जाते थे, वहां भी कुछ अजीब तरह का माहौल मौजूद रहता था. पूर्व में इस धंधे से जुड़े अशोक उरांव बताते हैं कि शराब छोड़ कर वे खुद पेंटर का काम कर रहे हैं और उनकी पत्नी ललिता देवी दुग्ध उत्पादन से जुड़ चुकी है. बताया कि बच्चे भी अब स्कूल जा रहे हैं और सबसे बड़ी बात यह है कि वे खुद नशे के आदी थे और अब नशा छोड़ चुके हैं, ऐसे में खुद को बेहतर महसूस कर रहे हैं.
वहीं लालमुनि देवी बताती है कि दूसरी गाय भी शीघ्र ही मिलने वाली है.
जब दूसरी गाय मिलेगी तो आमदनी में बढ़ोतरी होगी और बेहतर जिंदगी बसर कर सकेंगी. वहीं मीला देवी ने कहा कि खर्च अधिक हो रहे हैं और उस हिसाब से मुनाफा नहीं मिल रहा है.
पूर्ण शराबबंदी के बाद इससे जुड़े लोगों को वैकल्पिक रोजगार के लिए उन्हें दुग्ध उत्पादन से जोड़ने का प्रयास लगातार जारी है. दूसरी कड़ी में अब 155 लोगों को इस योजना से लाभान्वित किया जा रहा है. इसकी सारी तैयारी पूरी हो चुकी है. जो लोग भी पूर्व में शराब के अवैध कारोबार से जुड़े रहे हैं उन्हें वैकल्पिक आमदनी के लिए हरसंभव सहायता उपलब्ध करायी जायेगी.
पंकज कुमार पाल, डीएम, पूर्णिया.
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