पटना : राज्य के सभी 141 नगर निकायों में पहली जनवरी से इ-म्युनिसप्लिटी योजना लागू हो जायेगी. शहर के नागरिकों को मकानों का नक्शा पास कराने के लिए नगरपालिका कार्यालयों और बाबुओं के आगे-पीछे चक्कर लगानी नहीं पड़ेगी. अब निकायों में सिर्फ ऑनलाइन नक्शा के लिए ही आवेदन लिया जायेगा. नक्शा पास कराने के लिए किसी तरह का ऑफलाइन आवेदन स्वीकृत नहीं किया जायेगा. पहले फेज में भवनों के नक्शा पास करने में इसे पूर्ण रूप से लागू कर दिया गया है. बिल्डिंग बाइलाज के अनुसार इसे निर्धारित समय सीमा के अंदर दो माह के अंदर स्वीकृत या अस्वीकृत कर दिया जायेगा.
नगर विकास एवं आवास विभाग के प्रधान सचिव चैतन्य प्रसाद ने बताया कि राज्य के नगर निकायों में इ-म्युनिसप्लिटी योजना लागू है. पर यह सभी प्रकार सेवा के लिए पूर्ण रूप से लागू नहीं की गयी है. पहली बार निकायों में नक्शा पास करने के लिए यह योजना लागू की जा रही है. इस संबंध में सभी नगर निकायों को निर्देश भी दिया जा चुका है.
उन्होंने बताया कि इसके लिए स्पर द्वारा अलग से सॉफ्टवेयर तैयार किया गया है. भवन परमिट के लिए आवेदन के लिए सक्षम प्राधिकार को किया जायेगा. इसके लिए सभी दस्तावेजों को पीडीएफ और कैड प्रारूप में सॉफ्ट कॉपी के साथ चार प्रतियों में प्रस्तुत करना है. इसमें स्थल की चौहद्दी और उससे संलग्न भूमि, पड़ोस के फथ के संबंध में स्थल की स्थिति की साथ नगरपालिका का प्लाट संख्या तथा राजस्व भूखंड संख्या, जिस रास्ते पर भवन है उसका नाम, जिस पथ पर भवन है उस स्थल पर उसके अधीन खड़े सभी विद्यमान भवनों की सूचना, स्थल की चौहद्दी और यदि स्थल का उपविभाजन किया गया है तो आवेदक के स्वामित्व वाले भाग की और अन्य स्वामित्व वाले भागों की भी चौहद्दी, स्थल के या संलग्न भूमि के 18 मीटर की दूरी के अंतर्गत आनेवाले सभी निकटवर्ती पथ, भवन और परिसर और यदि स्थल से 15 मीटर की दूरी के अंतर्गत कोई पथ नहीं हो तो निकटतम विद्यमान पथ की जानकारी देना है. जो भवन का निर्माण कराना चाहते हैं उसमें आने के लिए पहुंच का रास्ता की जानकारी, हवा, प्रकाश की मुक्त आवाजाही तथा साफ-सफाई के प्रयोजनार्थ आवागमन सुनिश्चित करने के लिए भवन में और उसके इर्द-गिर्द छोड़े गये स्थल की लंबाई-चौड़ाई तथा खुले स्थानों का ब्योरा देना होगा. 15 मीटर से ऊंची इमारतों के लिए शैक्षणिक, सभा, औद्योगिक, भंडारण और हानिकारक व 500 मीटर से अधिक के आच्छादित जमीनी क्षेत्रफल वाले विशेष भवन की जानकारी जिसमें वाहन के घुसने तथा मोटर वाहन को भवन के चारों ओर चलाने के मार्ग की जानकारी देनी होगी.
, अग्निशमन उपकरणों और वाहनों का पहुंच पथ की जानकारी देना है. प्रधान सचिव ने बताया कि बिल्डिंग बाइलाज के अनुसार दिये गये आवेदनों का दो माह के अंदर निष्पादन किया जायेगा.
प्रस्तावित भवन की पूरी जानकारी देनी होगी
प्रस्तावित भवन के सामने के पथ की तथा स्थल के पिछले भाग के किसी पथ की चौड़ाई, भवन की योजना के संदर्भ में उपयोग में लाये गये पैमाने तथा उत्तरी छोर की दिशा, कोई विद्यमान भौतिक विशिष्टताएं जैसे कुआं व जल निकासी, मल निकासी, जल निकासी लाइन और जलापूर्ति लाइन और वृक्षों की अवस्थिति के बारे में सूचनाएं देनी होगी. इसके साथ ही बिल्डिंग प्लान देना है. इसमें भूस्वामित्व का मूल विक्रय या पट्टा का प्रमाणित प्रति, राजस्व सर्वे शीट या नगरपालिका शीट की प्रमाणित प्रति, खेसरा संख्या या दाखिल खारिज का अभिलेख देना है.