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कार्यवाही की कॉपी फाड़ कर फेंकी चार घंटे में सात समितियों पर मुहर

पटना : जिला पर्षद की तीन महीने बाद आयोजित हुई दूसरी बैठक हंगामे के साथ शुरू हुई, विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर मनमानी का आरोप लगाते हुए पिछले बैठक की कार्यवाही रिपोर्ट को फाड़कर फेंक दिया और जब सदन ने एजेंडा पर विमर्श करना शुरू किया तो फिर कमेटी निर्माण में अनियमितताओं का आरोप लगाते […]

पटना : जिला पर्षद की तीन महीने बाद आयोजित हुई दूसरी बैठक हंगामे के साथ शुरू हुई, विपक्ष ने सत्ता पक्ष पर मनमानी का आरोप लगाते हुए पिछले बैठक की कार्यवाही रिपोर्ट को फाड़कर फेंक दिया और जब सदन ने एजेंडा पर विमर्श करना शुरू किया तो फिर कमेटी निर्माण में अनियमितताओं का आरोप लगाते हुए सदन का बहिष्कार कर दिया. इधर सत्ता पक्ष ने संख्या बल के आधार पर समिति का गठन किया, रूके हुए कुछ मामले पर निर्णय भी कर लिया. इसमें जिला पर्षद भवन बनाने सहित अन्य मामले शामिल हैं. तीन महीने बाद हुई जिला पर्षद बैठक में चार घंटे में यही सब हुआ.
फुलवारी के जिप सदस्य ने फाड़ी कार्यवाही की कॉपी:छज्जूबाग स्थित हिंदी भवन में दोपहर एक बजे शुरू हुई बैठक के शुरूआत में ही जैसे ही जिला पर्षद के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी सह डीडीसी अमरेंद्र कुमार ने पिछले बैठक के कार्यवाही के संपुष्टि करने पर सदन का पक्ष मांगा तो विपक्षी गुट से फुलवारी परिषद के जिला पार्षद राजा चौधरी ने खड़े होकर कहा कि हमलोगों को कार्यवाही की कॉपी तो सूचना के साथ ही देनी चाहिए थी. ये तो झूठ का पुलिंदा है, अपनी मरजी से इसे बना लिया गया है. पिछले बैठक की वीडियोग्राफी निकालिए. इसके तुरंत बाद उन्होंने कार्यवाही रिपोर्ट को फाड़ कर सदन के वेल में फेंक दिया. स्पष्टीकरण देते हुए डीडीसी ने कहा कि रिपोर्ट सदस्यों को जानी चाहिए थी लेकिन वह कर्मचारियों की कमी के कारण नहीं भेजी गयी. वे यह गलती मानते हैं. इसके बाद सदन की कार्यवाही शुरू हुई.
लोकनायक भवन के 8 दुकानों का फिर से होगा आवंटन: बैठक के बाद डीडीसी ने बताया कि इस दौरान कार्यवाही की संपुष्टि की गयी. इसके साथ ही लोकनायक भवन के 142 नंबर दुकान का आवंटन रद्द कर दिया गया. जो 8 दुकान बंदोबस्त नहीं है उसका आवंटन किया जायेगा. इसके लिए बंदोबस्ती निकाली जायेगी. जिला पर्षद के भवन निर्माण का मुद्दा भी उठा. 13 वें वित्त आयोग की बची राशि से भवन निर्माण किया जायेगा. इसमें विभागीय प्रक्रिया का पालन होगा. निर्माण के लिए जिला पर्षद ही टेंडर करेगी. इसके साथ ही एनेक्सी भवन के अधूरे निर्माण पर चर्चा हुई. इसमें एनपीसीसी ने जो क्लैरिफिकेशन दिया है उसमें और जिला पर्षद में अंतर है. इसके कारण कानूनविदों से राय ली जायेगी.

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