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अल्पसंख्यक प्री-मैट्रिक छात्रों की छात्रवृत्ति में 2.86 करोड़ की गड़बड़ी

डुमरा (सीतामढ़ी) : सीतामढ़ी शिक्षा विभाग में 2.86 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का मामला सामने आया है. अल्पसंख्यक प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति मद में जिला कल्याण विभाग की ओर से उपलब्ध इस राशि का एसी-डीसी बिल उपलब्ध नहीं कराया गया. इसके कारण डीएम राजीव रौशन ने इसे घोटाला करार दिया है. डीएम ने डीइओ सीतामढ़ी के खिलाफ […]

डुमरा (सीतामढ़ी) : सीतामढ़ी शिक्षा विभाग में 2.86 करोड़ रुपये की गड़बड़ी का मामला सामने आया है. अल्पसंख्यक प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति मद में जिला कल्याण विभाग की ओर से उपलब्ध इस राशि का एसी-डीसी बिल उपलब्ध नहीं कराया गया. इसके कारण डीएम राजीव रौशन ने इसे घोटाला करार दिया है. डीएम ने डीइओ सीतामढ़ी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने के साथ राशि की वसूली का आदेश दिया है. मामले में डीइओ के खिलाफ नीलामवाद की कार्रवाई का आदेश दिया है. डीएम ने यह आदेश राशि का मूल एसी-डीसी बिल उपलब्ध कराने के लिए डीइओ को दी गयी समय सीमा बीत जाने के बाद दिया है. डीएम के आदेश के बाद शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है.

इस संबंध में डीइओ सुरेश प्रसाद सिंह ने कहा कि अल्पसंख्यक प्री छात्रवृत्ति मद में जिले को उपलब्ध राशि से संबंधित एसी-डीसी बिल के लिए डीपीओ माध्यमिक शिक्षा, लेखा पदाधिकारी व बीइओ को आदेश दिया गया है.
अल्पसंख्यक गरीब छात्र-छात्राओं को मैट्रिक की पढ़ाई के लिए सरकार ने प्री-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना शुरू की थी. इसके तहत सरकार की ओर से समय-समय पर विभाग को राशि उपलब्ध करायी जाती रही. 2008 से लेकर 2011 तक दो करोड़ 86 लाख 76 हजार 586 रुपये का हिसाब सरकार को नहीं भेजा गया.
इस बाबत कल्याण विभाग की ओर से कई बार शिक्षा विभाग व डीएम को पत्र भेज कर बिल उपलब्ध कराने के लिए कहा था. इसके आलोक में डीएम के आदेश पर जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी व जिला कल्याण पदाधिकारी ने डीइओ कार्यालय के रोकड़ बही का निरीक्षण किया. इसमें 2008-2009 में इस मद में उपलब्ध 32,61,089 व 19,24,422 रुपये, 2009-2010 में 14 जुलाई 2011 को उपलब्ध कराए गए 35,54,725 रुपये व 2010-2011 में उपलब्ध कराए गए 1,99,36,350 रुपये समेत कुल 2,86,76,586 रुपये का हिसाब नहीं मिला.
राशि का नहीं मिल पाया हिसाब, डीइओ के खिलाफ होगी कार्रवाई
डीएम ने दिया कार्रवाई का निर्देश
डीइओ के खिलाफ दर्ज करायी जायेगी प्राथमिकी
26 नवंबर तक चेक के माध्यम
से उपलब्ध करानी थी राशि
तय समय सीमा तक नहीं
सौंपा गया राशि का हिसाब
जवाब नहीं मिलने पर डीएम ने माना गबन
अधिकारियों ने पाया कि राशि का एसी-डीसी बिल नहीं मिला है. डीएम ने डीइओ को 26 नवंबर तक बिल जमा करने को कहा. अन्यथा उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराने, राशि की वसूली करने की चेतावनी दी थी. जवाब नहीं मिलने पर डीएम ने मामले को गबन करार दिया था. वसूली के लिए प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्दश दिया था. तय समय तक बिल उपलब्ध नहीं कराया. अब डीइओ के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया गया है.

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