अमृतसर : ‘हार्ट आफ एशिया’ सम्मेलन के पहले दिन आतंकवाद विरोधी ढांचे, अफगानिस्तान में स्थायी शांति लाने और युद्धग्रस्त देश की अर्थव्यवस्था में वृद्धि के लिए क्षेत्रीय संपर्क को बढ़ावा देने जैसे मुद्दे प्रमुखता से छाए रहे. सम्मेलन में महत्वपूर्ण क्षेत्रीय और वैश्विक ताकतें भाग ले रही हैं.
अफगानिस्तान में सत्ता परिवर्तन में मदद के मकसद से आयोजित इस दो दिवसीय वार्षिक सम्मेलन की शुरुआत इस पवित्र शहर में भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के मध्य हुई. दोनों देश सम्मेलन से इतर किसी द्विपक्षीय संवाद में शामिल होंगे या नहीं, अभी इसको लेकर केवल कयासबाजी ही चल रही है. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी आज शाम अमृतसर पहुंच गये. दोनों राष्ट्र प्रमुख अमृतसर स्थित स्वर्ण मंदिर पहुंचे और मत्था टेका और इसके बाद दोनों ने आपस में गले मिले. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंगर में भाग लिया और लोगों को लंगर बांटा.
यूरोपीय संघ, नाटो और शंघाई कोआपरेशन आर्गेनाइजेशन जैसे प्रमुख समूहों के साथ ही इस सम्मेलन में करीब 40 देश भाग ले रहे हैं. ‘‘हार्ट आफ एशिया इस्तांबुल प्रोसेस’ में अफगानिस्तान के समक्ष पेश विभिन्न चुनौतियों पर विचार विमर्श किया जा रहा है जिसमें युद्धग्रस्त देश में शांति प्रक्रिया की बहाली भी शामिल है.
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज कल मंत्री स्तरीय सम्मेलन में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करेंगे जिसका उद्घाटन संयुक्त रुप से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी द्वारा किया जाएगा.
आज भारत, चीन, रुस, ईरान और पाकिस्तान समेत 14 सदस्य देशों के वरिष्ठ अधिकारियों तथा 17 समर्थक देशों के प्रतिनिधियों ने क्षेत्र के समक्ष मौजूद विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया जिनमें पेचीदा सुरक्षा परिदृश्य तथा आतंकवाद, कट्टरपंथ एवं चरमपंथ के खतरों से निपटने के तरीकों पर चर्चा शामिल थी. बैठक में अफगानिस्तान के प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद विरोधी क्षेत्रीय ढांचे के विचार पर बल दिया जिसमें सदस्य देशों पर यह बाध्यकारी प्रतिबद्धता डालने की बात कही गयी है कि वे आतंकवादी तंत्र से प्रभावी तरीके से निपटें.
* अफगानिस्तान की बुनियादी सहायता के लिए भारत और इरान एक साथ : जावेद जरीफ
इरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने कहा कि कुछ लोगों का सोचना है कि सीरिया में आतंकवादी एक दूसरे को मार देंगे, इस अल्पकालिक लाभ वाली सोच काम नहीं करेगी. उन्होंने कहा, अफगानिस्तान की बुनियादी सहायता के लिए भारत और इरान साथ मिलकर काम कर रहा है.
* प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने जालियांवाला बाग का दौरा किया
सम्मेलन में हिस्सा लेने आये विभिन्न देश के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने अमृतसर स्थित जालियांवाला बाग का दौरा किया.
* 14 देश शामिल हैं हॉर्ट ऑफ एशिया में
इस संगठन में भारत के साथ पाकिस्तान, अफगानिस्तान, अजरबैजान, चीन, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, सऊदी अरब, ताजिकिस्तान, तुर्की, तुर्कमेनिस्तान और संयुक्त अरब अमीरात शामिल हैं.