कोलकाता. जलवायु परिवर्तन के चलते खारे जल की पहुंच और वन्य भूमि की कटाई से ह्रास होते सुंदरवन के द्वीपों में पिछले कुछ वर्ष से बाघों की आबादी स्थिर बनी हुई है.
नवीनतम रिपोर्ट में सुंदरवन में 86 बाघों की मौजूदगी का आकलन किया गया है. पश्चिम बंगाल वन विभाग व डब्ल्यूडब्ल्यूएफ ने अपनी नवीनतम रिपोर्ट में कहा है कि सुंदरवन में कम से कम 83 बाघ हैं और नवंबर से मार्च के दौरान इनकी संख्या 128 तक बढ़ सकती है. राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक व मुख्य वन्यजीव वार्डन प्रदीप व्यास ने बताया कि सांख्यिकीय मॉडल के इस्तेमाल से हुई गणना में इनकी संख्या 86 बतायी गयी है. बाघों की गणना में मामूली इजाफा हुआ है, इसलिए यह कहा जा सकता है कि बाघों की आबादी अभी बहुत हद तक स्थिर बनी हुई है.
चूंकि बाघ इस पारिस्थितिकी तंत्र में सबसे शीर्ष पर विद्यमान होते हैं, इसलिए इनकी आबादी का स्थिर बने रहना यह साबित करता है कि डेल्टा का पारिस्थितिक तंत्र भी ठीक है. श्री व्यास ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि बाघों की संख्या पिछले साल की संख्या के करीब है, जो संख्या में स्थिरता साबित करता है. इनकी संख्या में मामूली इजाफा और कमी हो सकती है. वर्ष 2014 में भी इसी तरह की गणना की गयी थी, उस समय बाघों की संख्या 76 थी. डब्ल्यूडब्ल्यूएफ के रातुल साहा ने कहा कि आप कह सकते हैं कि बाघों की संख्या स्थिर है. यह पिछले सर्वेक्षण से थोड़ा अधिक या कम है. यह पहली बार है जब ना केवल सुंदरवन बाघ अभयारण्य क्षेत्र बल्कि शेष दक्षिण 24 परगना के वनखंड में भी कैमरे लगाये गये हैं.