मुजफ्फरपुर : छात्र नेता शमीम हत्याकांड सहित कई आपराधिक मामलों का फरार कुख्यात अपराधी अनिल ओझा को गिरफ्तार कर लिया गया है. उसे मिठनपुरा पुलिस ने पानी टंकी चौक से पकड़ा. अनिल वहां अपने कुछ साथियों के साथ हंगामा कर रहा था. सूचना मिलते ही टाइगर मोबाइल व एसआइटी टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया. अनिल की गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही नगर डीएसपी आशीष आनंद सहित कई थानों के थानाध्यक्ष मिठनपुरा पहुंचे और उससे पूछताछ की. बाद में उसे नगर थाने लाया गया, जहां एसएसपी विवेक कुमार व सिटी एसपी आनंद कुमार ने उससे पूछताछ की.
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शातिर अनिल ओझा मिठनपुरा से गिरफ्तार
मुजफ्फरपुर : छात्र नेता शमीम हत्याकांड सहित कई आपराधिक मामलों का फरार कुख्यात अपराधी अनिल ओझा को गिरफ्तार कर लिया गया है. उसे मिठनपुरा पुलिस ने पानी टंकी चौक से पकड़ा. अनिल वहां अपने कुछ साथियों के साथ हंगामा कर रहा था. सूचना मिलते ही टाइगर मोबाइल व एसआइटी टीम ने उसे गिरफ्तार कर लिया. […]
दामूचक पर भी की थी मारपीट
पानी टंकी चौक पहुंचने के पहले शराब के नशे में धुत अनिल ओझा विश्वविद्यालय थाना अंतर्गत दामूचक में था. वहां उसने एक छात्र नेता की जम कर पिटाई की. वहां जब लोगों ने विरोध किया, तो वह दुबारा हमले के लिए आने की चेतावनी देकर चल दिया. इसके बाद करीब शाम आठ बजे वह मिठनपुरा के पानी टंकी चौक पहुंचा. वहां भी वह राहगीरों से उलझ गया और मारपीट व हंगामा करने लगा. इसकी जानकारी स्थानीय लोगों ने मिठनपुरा
शातिर अनिल ओझा
पुलिस को दी.
पुलिस ने किया गिरफ्तार
हंगामे की जानकारी मिलते ही मिठनपुरा के दारोगा अजय कुमार, टाइगर मोबाइल के रवींद्र कुमार के साथ वहां पहुंच गये. पुलिस अधिकारियों ने हंगामा कर रहे युवक को हिरासत में लिया. इस समय पर पुलिस अधिकारियों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह अनिल ओझा है. हालांकि हिरासत में लिये जाने के बाद भी वह अनाप-शनाप बोल रहा था. पुलिस अधिकारी जब उसे लेकर थाने पहुंचे, तब उसकी पहचान वहां मौजूद अन्य पुलिस अधिकारियों ने अनिल ओझा के रूप में की, तब पुलिस अधिकारियों को भी अपनी कामयाबी पर विश्वास नहीं हो रहा था, क्योंकि सालों से अनिल पुलिस को चकमा देकर फरार था. इधर, मामले की जानकारी मिलते ही नगर डीएसपी आशीष आनंद मिठनपुरा थाने पहुंच गये.
दर्जनों संगीन मामलों का आरोपित
एक अगस्त 2013 को छात्र नेता मो़ शमीम की हत्या के बाद फरार अनिल ओझा अगले साल चार मार्च को खबड़ा पहुंचा. वहां उसने सुखदेव ओझा की जमीन पर कब्जे की कोशिश की. विरोध करने पर उसने आपने सहयोगियों के साथ गोलीबारी की थी. मामले में उसपर सदर थाने में कांड संख्या 139/16 दर्ज की गयी. इसके बाद उसने कई संगीन वारदातों को अंजाम दिया. 16 फरवरी को उसने नंदकिशोर ओझा को जमीन नहीं रजिस्ट्री करने पर पूरे परिवार को जान से मारने की धमकी दी थी. इसके बाद 25 फरवरी को अपने ही गांव के धर्मेंद्र कुमार को अगवा कर उसकी जमीन रजिस्ट्री करा ली थी. फरार अनिल ओझा के घर की पुलिस ने कुर्की- जब्ती भी की थी.
चाचा की हत्या में हुई थी सजा
अनिल ओझा ओझा पर 24 साल पहले 14 नवंबर 1992 को भूमि विवाद में अपने ही चाचा दिलीप ओझा की हत्या का आरोप लगा था. मामले में काजीमुहम्मदपुर थाना में कांड संख्या-301/92 दर्ज की गयी थी. न्यायालय ने उसे इस हत्याकांड में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. इस मामले में अनिल को हाइकोर्ट से जमानत मिल गयी थी. दिलीप ओझा के हत्याकांड में न्यायालय में गवाही और उनके परिवार के लोगों को मदद करनेवालों पर भी अनिल ने कहर बरपाया था. अनिल पर इस मामले में भी सदर व काजीमुहम्मदपुर में प्राथमिकी दर्ज हुई थी.
डेढ़ दर्जन मामले हैं दर्ज
अनिल ओझा का नाम खबड़ा के सामूहिक हत्याकांड में भी आया था. इसके अलावा हत्या के पांच, हत्या के प्रयास के चार व आर्म्स एक्ट के सात मामले अनिल ओझा पर दर्ज हैं. ये सभी मामले कोर्ट में लंबित हैं. पुलिस अधिकारियों ने इन मामलों को लेकर अनिल पर शिकंजा कसने की तैयारी शुरू कर दी है.
दे रहा था देख लेने की धमकी
गिरफ्तारी के बाद अनिल ओझा मीडियाकर्मियों पर नाराज था. उसकी गिरफ्तारी की जानकारी मिलते ही विभिन्न अखबारों व टीवी चैलन से जुड़े पत्रकार मिठनपुरा थाने पहुंचे, तो अनिल ओझा पत्रकारों पर गुस्सा दिखाने लगा और कहने लगा कि आप लोगों ने मेरे खिलाफ छापा है. हम देख लेंगे. पुलिस अधिकारियों के हस्तक्षेप के बाद भी वो पत्रकारों को धमकी दे रहा था.
शराब पीने के आरोप में जायेगा जेल
छात्र नेता शमीम की हत्या के बाद से था फरार
विवि में दिन दहाड़े हुई थी शमीम की हत्या
शराब के नशे में धुत होकर कर रहा था हंगामा
दामूचक पर एक छात्र नेता को
था पीटा
पानी टंकी चौक पर कर रहा था हंगामा
गिरफ्तारी के बाद हुई अनिल की पहचान
अगस्त 2013 से चल रहा था फरार
शराब की हुई पुष्टि
थाने में नगर डीएसपी ने अनिल ओझा से पूछताछ शुरू की, तो वह जानकारी नहीं दे पा रहा था. इस दौरान उसकी ब्रेथ एनलाइजर से जांच की गयी, जिसमें उसके शराब पीने की पुष्टि हुई. उसमें 630 एमजी एल्कोहल की मात्र पायी गयी. पुलिस अनिल को नयी उत्पाद अधिनियम 2016 के तहत जेल भेजने की तैयारी कर रही है. उसके पास से पिस्तौल बरामदगी की बात भी बतायी जाती है. अनिल पूर्व के कई मामलों में फरार है. पुलिस इन मामलों में उसे रिमांड पर लेगी. एसएसपी विवेक कुमार ने विभिन्न थानाध्यक्षों को उसके विरुद्ध लंबित कांडों में रिमांड का निर्देश दिया है.
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