पहली बार न्यायिक पदाधिकारी ने किया रिमांड होम का निरीक्षण
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रिमांड होम में सुविधाओं की कमी, विकास बाधित
पहली बार न्यायिक पदाधिकारी ने किया रिमांड होम का निरीक्षण जेजेबी के प्रधान दंडाधिकारी ने प्रधान सचिव को भेजी रिपोर्ट बिहारशरीफ : जिला किशोर न्याय परिषद् के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्र ने पटना गायघाट स्थित पर्यवेक्षण गृह (बाल संरक्षण गृह) का सदस्यों के साथ निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान न्यायिक दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्र ने […]
जेजेबी के प्रधान दंडाधिकारी ने प्रधान सचिव को भेजी रिपोर्ट
बिहारशरीफ : जिला किशोर न्याय परिषद् के प्रधान न्यायिक दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्र ने पटना गायघाट स्थित पर्यवेक्षण गृह (बाल संरक्षण गृह) का सदस्यों के साथ निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान न्यायिक दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्र ने कई खामिया को चिह्नित किया है. जिसकी रिपोर्ट समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव को भेजा गया है.
बताया जाता है कि जेजेबी की ओर से अब तक रिमांड होम का निरीक्षण नहीं किया गया है. श्री मिश्र विधि विरूद्ध किशोर के रखने वाले रिमांड होम के निरीक्षण करने वाला प्रथम न्यायिक दंडाधिकारी है. न्यायिक सूत्रों के अनुसार निरीक्षण में पर्यवेक्षण गृह में मूलभुत सुविधाओं की घोर अभाव पाया गया है.
इस गृह में ऐसे बच्चें को रखा जाता है, जो किसी अपराधिक गतिविधि में संलिप्त होकर कानून की गिरफ्त में आ गये हैं. इन्हें यहां रखने का मुख्य उद्देश्य इनका चारित्रक, बौद्धिक, मानसिक, शारीरिक विकास के साथ समाज के मुख्यधारा से जोड़ना है. इसके लिए सरकारी की ओर से रिमांड होम की व्यवस्था की है. जिसमें पढ़ने, खाने और खेलने समेत सभी मूलभुत सुविधाएं होती है. फिलहाल 102 बच्चें रिमांड होम में है. जिनकी शुद्ध पेयजल के लिए महज एक एक्वागार्ड है तथा सप्लाई वाटर की आपूर्ति अनियमित है. शीत ऋतु के लिए पर्याप्त गर्म कपड़े, कंबल, बिछावन का भी अभाव है. एक रसोइया पर पूरे रिमांड होम के बच्चों खाना बनाने की जिम्मेवारी होती है. साफ सफाई के लिए भी एक ही स्वीपर है, जिसके कारण सफाई व्यवस्था प्रभावित है. कक्षा पांच से आगे वाले विधि विरूद्ध किशोरों को पढ़ाने के लिए कोई दक्ष शिक्षक नहीं हैं. बिजली वायरिंग भवन में नहीं है, जिससे अप्रिय घटना का भी भय बना रहता है.
भूकंप में भवन में दरार आ गया है, जिसकी अब तक मरम्मत नहीं कराया गया है. रिमांड होम में आग से बचाव के लिए यंत्र जैसे जरूरी व्यवस्था का अभाव है. इन अभावों के रहते बच्चिे के मानसिक, बौद्धिक, शारीरिक विकास असंभव है. अगर इन समस्याओं को दूर नहीं किया जाता है तो रिमांंड होम रह रहे बच्चों का समाज की मुख्यधारा से जुड़ने के काबिल बनाना मुमकिन नहीं है. पर्यवेक्षण के बाद प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द्र मिश्र ने प्रधान सचिव को रिपोर्ट भेज कर बच्चों को समाज की धारा से जोड़ने के लिए इन आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.
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