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अब हर लाभुक परिवार को दो से ढाई लीटर ही मिलेंगे

रांची: केंद्र सरकार ने झारखंड का केरोसिन कोटा घटा दिया है. इससे प्रति लाभुक केरोसिन वितरण भी घट गया है. पहले ग्रामीण इलाके में प्रति लाभुक परिवार चार लीटर तथा शहरी इलाके में प्रति परिवार तीन लीटर केरोसिन दिये जाते थे. अब ग्रामीण क्षेत्र में 2.5 लीटर तथा शहरी क्षेत्र में प्रति लाभुक परिवार दो […]

रांची: केंद्र सरकार ने झारखंड का केरोसिन कोटा घटा दिया है. इससे प्रति लाभुक केरोसिन वितरण भी घट गया है. पहले ग्रामीण इलाके में प्रति लाभुक परिवार चार लीटर तथा शहरी इलाके में प्रति परिवार तीन लीटर केरोसिन दिये जाते थे. अब ग्रामीण क्षेत्र में 2.5 लीटर तथा शहरी क्षेत्र में प्रति लाभुक परिवार दो लीटर केरोसिन दिये जा रहे हैं. इधर, राज्य सरकार के खाद्य अापूर्ति विभाग ने केंद्र सरकार से केरोसिन आवंटन बढ़ाने को कहा है, पर एक अधिकारी के ही अनुसार इस पर सहमति की गुंजाइश नहीं है. केंद्र ने तथ्यों के आधार पर केरोसिन आवंटन घटाया है. केंद्र सरकार के अनुसार देश भर के घरेलू उपभोक्ताओं को केरोसिन दो मकसद से दिये जाते हैं. घर में रोशनी करने तथा खाना पकाने के लिए.
बिजली तथा खाना पकाने के साधनों की कमी ग्रामीण इलाके में अधिक होती है. इसलिए सरकार ग्रामीण इलाके में उपभोक्ताओं को अधिक (चार लीटर) तथा शहरी क्षेत्र में कम (तीन लीटर) केरोसिन देती थी. पर जनगणना-2011 के आंकड़े बताते हैं कि झारखंड में केरोसिन से रोशनी करने वाले मकान घट गये हैं. वर्ष 2001 की जनगणना की तुलना में इनकी संख्या 10.27 फीसदी घटी है. वहीं इस दौरान खाना पकाने के लिए केरोसिन के इस्तेमाल में तो 68.36 फीसदी की कमी आयी है. इसी के मद्देनजर केरोसिन का आवंटन घटा दिया गया है. गौरतलब है कि सरकार बीपीएल लाभुकों को एलपीजी गैस कनेक्शन भी दे रही है.
घटेगी केरोसिन से कमाई
यह कोई छुपी बात नहीं कि केरोसिन से हर माह करीब 18 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होती थी. विभागीय सूत्रों के अनुसार, हर माह आवंटित 2.25 करोड़ लीटर में से लगभग 60 लाख लीटर केरोसिन की कालाबाजारी होती है. संताल परगना इलाके से केरोसिन पश्चिम बंगाल जाने की बात तो खुद पूर्व मंत्री लोबिन हेंब्रोम ने विभागीय समीक्षा के दौरान कही थी़ बड़ी संख्या में (खास कर एपीएल) लाभुक केरोसिन का उठाव नहीं करते हैं. यह भी खुले बाजार में बिकता रहा है.
वर्तमान मंत्री सरयू राय भी इस मुद्दे पर चिंता जताते रहे हैं. पीडीएस दुकान में केरोसिन जहां 14-15 रुपये लीटर मिलता है, वहीं खुले बाजार में अभी इसकी कीमत लगभग 40-45 रुपये प्रति लीटर है. इस तरह 60 लाख लीटर केरोसिन से लगभग 18 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई होती रही है, जो पूरी तरह बंद तो नहीं होगी, पर कम जरूर होगी. अब भी अनगड़ा प्रखंड के होरहाप व अासपास के पीडीएस डीलर ग्रामीण इलाके के लाभुकों को 2.5 लीटर के बजाय दो लीटर ही केरोसिन दे रहे हैं.
उपभोक्ता घटे, पर केरोसिन नहीं
मद जनगणना-2001 जनगणना-2011 कमी/वृद्धि
केरोसिन से रोशनी 3660073 घर 3284079 घर 10.27 फीसदी की कमी
केरोसिन से खाना पकाना 46078 घर 14578 घर 68.36 फीसदी की कमी
(वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार राज्य में घरों की कुल संख्या 77.96 लाख है)

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