इंदौर : मध्यप्रदेश में भाजपा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कल 11 साल पूरे करने का जोरदार जश्न मनाने को तैयार है और सत्तारूढ़ दल बराबर कह रहा है कि वर्ष 2018 का अगला विधानसभा चुनाव भी उन्हीं की अगुवाई में लडा जायेगा. दूसरी ओर, विपक्षी कांग्रेस की ओर से फिलहाल स्पष्ट नहीं है कि दो साल बाद होने वाले चुनाव में शिवराज की चुनौती के मुकाबले उनकी ओर से किसी नेता को मुख्यमंत्री पद के दावेदार के तौर पर पेश किया जायेगा या नहीं.
पिछले सात दिनों के दौरान इस विषय में अलग- अलग कार्यक्रमों में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से उनकी राय जानने की कोशिश की गयी, तो उन्होंने एक सुर में कहा कि उनकी पार्टी में सक्षम नेताओं की कमी नहीं है. पिछले 13 साल से राज्य की सत्ता से बाहर चल रही पार्टी के आला नेता यह बडा दावा करने से भी नहीं चूके कि शिवराज उनके लिये व्यक्तिगत तौर पर कोई चुनौती नहीं हैं.
शहडोल लोकसभा सीट और नेपानगर विधानसभा सीट के हालिया उप चुनावों में कांग्रेस की हार के हवाले के साथ कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह से जब पूछा गया कि क्या वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की ओर से शिवराज के मुकाबले किसी मजबूत नेता को पेश किया जायेगा, तो उन्होंने अपने चिर- परिचित अंदाज में जवाब दिया, ‘ऐसा है कि हमारे पास नेताओं की कमी नहीं है. दिक्कत यही है कि हमारे पास नेताओं की कमी नहीं है.’
अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के लिये शिवराज बडी चुनौती साबित होंगे या उनकी पार्टी भाजपा, इस सवाल पर सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हमारे लिये व्यक्ति नहीं, बल्कि पार्टी महत्वपूर्ण है.’ इसी प्रश्न पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरण यादव ने दिग्विजय की तर्ज पर उत्तर देते हुए कहा, ‘आगामी विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व्यक्तिगत तौर पर हमारे लिये चुनौती नहीं हैं. हम उनकी पार्टी भाजपा से चुनावी जंग लडेंगे.’
कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव और मध्यप्रदेश के पूर्व कैबिनेट मंत्री सज्जन सिंह वर्मा से जब जानना चाहा गया कि सूबे के अगले विधानसभा चुनाव में शिवराज के नेतृत्व की चुनौती से निपटने के लिये वह कांग्रेस के किस वरिष्ठ नेता को उपयुक्त समझते हैं, तो उन्होंने सीधा जवाब टालते हुए कहा, ‘हमारे पास शिवराज की टक्कर के कई बडे नेता हैं.’ सूबे की सियासत के जानकार और वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश हिंदुस्तानी कहते हैं, ‘सूबे में पिछले कई दशकों से अलग- अलग गुटों में बंटी कांग्रेस के लिये अगले विधानसभा चुनाव में शिवराज के मुकाबले मुख्यमंत्री पद के दावेदार की औपचारिक घोषणा हरगिज आसान नहीं होगी, क्योंकि किसी एक क्षत्रप को यह दावेदारी सौंपने से या तो दूसरे क्षत्रप नाराज हो सकते हैं या वे चुनाव में निष्क्रिय हो सकते हैं.’
हिंदुस्तानी ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि सत्तारुढ भाजपा में गुटबाजी नहीं है. लेकिन शिवराज की छवि आम आदमी के मुख्यमंत्री और सूबे में भाजपा के सर्वमान्य नेता के रुप में गढी गयी है जिसका उन्हें हमेशा फायदा मिलता है.’ इस बीच, सत्तारुढ भाजपा ने दोहराया है कि वह सूबे के अगले विधानसभा चुनाव में शिवराज पर ही अहम दांव खेलेगी. प्रदेश भाजपा प्रवक्ता उमेश शर्मा ने कहा, ‘हम अगला विधानसभा चुनाव शिवराज के नेतृत्व में ही लडेंगे.
कांग्रेस के किसी भी नेता का कद शिवराज के घुटने के बराबर भी नहीं है.’ उन्होंने कांग्रेस की गुटबाजी पर तीखा कटाक्ष करते हुए कहा, ‘अगले विधानसभा चुनाव से पहले सूबे में कांग्रेस की स्थिति उस बैंड बाजा पार्टी की तरह हो चुकी है, जिसका हर नेता खुद को दूल्हा समझ रहा है.’ वर्ष 2003 के विधानसभा चुनाव में हार के बाद से कांग्रेस अब तक सूबे में सत्ता का वनवास भोग रही है. शिवराज सिंह चौहान 29 नवंबर 2005 से मुख्यमंत्री का ओहदा संभाल रहे हैं. उनसे पहले वर्ष 2003 से 2005 के बीच उमा भारती और बाबूलाल गौर भी सूबे की भाजपा सरकार के मुखिया रहे थे.