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पटना के ग्रामीण इलाकों में देशी शराब का निर्माण जारी, विरोध में सड़क पर महिलाएं

पटना : राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बाद भी देसी शराब का निर्माण मनेर में धड़ल्ले से हो रहा है. यहां खुलेआम शराब बनायी और बेची जा रही है. इससे लेकर रविवार को खासपुर पंचायत के सैकड़ों ग्रामीणों ने मोरचा खोल दिया और विरोध जुलूस निकाला. विरोध जुलूस में सैकड़ों की संख्या में महिला, पुरुषों […]

पटना : राज्य में पूर्ण शराबबंदी के बाद भी देसी शराब का निर्माण मनेर में धड़ल्ले से हो रहा है. यहां खुलेआम शराब बनायी और बेची जा रही है. इससे लेकर रविवार को खासपुर पंचायत के सैकड़ों ग्रामीणों ने मोरचा खोल दिया और विरोध जुलूस निकाला. विरोध जुलूस में सैकड़ों की संख्या में महिला, पुरुषों व बच्चों ने भाग लिया. ग्रामीणों ने शराब माफियाओं के खिलाफ हाथों में तख्ती लेकर पूरे पंचायत का भ्रमण किया. ग्रामीणों ने खासपुर, छितनावां व चकिया टोला समेत कई गांवों में घूम-घूम कर लोगों को जागरूक किया और शराबमुक्त पंचायत बनाने की बात कही. वहीं, जुलूस को देख कर गांव की सभी महिलाएं व नौजवान पंचायत में शराब बंद कराने को लेकर शामिल होते गये और कारवां बढ़ता गया.

महिलाएं खासपुर पंचायत में शराब निर्माण और बिक्री के खिलाफ जम कर नारेबाजी कर रही थीं. इसके बाद यह जुलूस छितनावां मुसहरी पहुंचा और अविलंब शराब बंद करने की चेतावनी देते हुए तोड़फोड़ की. इसे लेकर शराब उत्पादकों व विक्रेताओं से ग्रामीणों की काफी देर तक नोक-झोंक हुई. शराबबंदी को लेकर महिलाओं के गुस्से के आगे दारू उत्पाद और विक्रेता नहीं टीके. जुलूस में शामिल महिला कविता देवी, फुलवंति देवी आदि ने कहा कि शराबबंदी के बाद भी खासपुर पंचायत के गली गली–मुहल्ले मुहल्ले शराब धड़ल्ले से बेची जा रही है. इसके अलावा नदी के किनारे या मुसहरी में दारू का निर्माण बेरोकटोक किया जा रहा है.
सूचना के बाद भी मनेर पुलिस इन दारू दुकानों व भट्ठियों को ध्वस्त नहीं करती है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि पुलिस की मिलीभगत से दारू बेची व बनायी जाती है. मौके पर समाजसेवी सरिता देवी, मनोरमा देवी, समिति सदस्य कमलावति देवी, उपमुखिया अनिल कुमार, वार्ड सदस्य रामअनुज कुमार, निकेश कुमार, संजय पासवान, टुनटुन यादव, देवनाथ, बादशाह कुमार, मनोज कुमार, फुला देवी आदि लोग थे.
उत्पाद शाखा ने सरपंच और मुखिया का भी मांग सहयोग

बिहार में शराबबंदी के बाद जिला उत्पाद मुख्यालय अवैध शराब की बिक्री को लेकर काफी सतर्क है. इसको लेकर लगातार छापेमारी अभियान चलाया जा रहा है. लेकिन, हाल के दिनों में दूसरे राज्यों से अवैध तरीके से शराब लाकर बेचने की शिकायतें भी मिली हैं. ऐसे लोगों को पकड़ने के लिए जिला उत्पाद ने अब प्रखंड स्तर पर बीडीओ और सीओ के साथ मुखिया व सरपंच से भी सहयोग मांगा है. इन लोगों से शराब तस्करों के बारे में इनपुट लेकर कार्रवाई की जायेगी.

भंडारण में ग्रामीण इलाके का हो रहा उपयोग : दूसरे राज्यों से लायी जानेवाली शराब के अवैध भंडारण में ग्रामीण इलाकों का उपयोग हो रहा है. पिछले दिनों फतुहा में बड़ी मात्रा में अवैध शराब की खेप बरामद हुई थी. डीएम ने इसको देखते हुए दूसरे राज्यों से पटना आनेवाली गाड़ियों की गंभीरता से जांच के निर्देश दिये हैं. बाहर से फल और सब्जियां लेकर आनेवाले बस व वैन को भी देखने का निर्देश भी दिया गया है. ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध शराब का भंडारण न हो, इसके लिए स्थानीय थाने को भी सतर्क रहने को कहा गया है.
शराबबंदी के बाद भी अगर शराब पकड़ी जा रही है, तो कहीं-न-कहीं से जांच में चूक हो रही है. बीडीओ व सीओ भी गांव में जाकर सरपंच और मुखिया से तालमेल कर जिला उत्पाद का सहयोग करेंगे. कोई भी सूचना मिले, तो वे तुरंत जिला उत्पाद को दें.
संजय कुमार अग्रवाल, डीएम, पटना

बिहार में पूर्ण शराबबंदी के निर्देश के बाद भी शराब माफियाओं द्वारा बिहटा के दर्जनों जगहों पर देसी शराब बना कर बेची जा रही रहे . क्षेत्र के कई गांवों में इसकी बिक्री हो रही है. लोगों ने बताया कि शराब बनाने और बेचे जाने की सूचना स्थानीय थाने को दे-देकर थक चुका हूं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती.बीते एक सप्ताह पहले एसएसपी के आदेश के बाद हुई कार्रवाई में बिहटा थाने की पुलिस ने छापेमारी कर शराब बेचते और पीते 13 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था, लेकिन शराब माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. इस कारण अब भी दर्जनों गांवों में बेरोक-टोक शराब बनाने का धंधा चल रहा है. पथलौटिया,तारेगनाटोक,मौदही,दौलतपुर,आनंदपुर,केलहनपुर व महुआर सहित कंचनपुर, अमहारा, सादिसोपुर व नेउरा में देसी शराब बनाने और बेचे जाने का कारोबार आज भी जारी है.

क्या बोले ग्रामीण
बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बावजूद शराब माफिया बिना किसी भय के आराम से शराब बना और बेच रहे हैं. बिहटा की कई पंचायतों में शराब बेचे जाने की सूचना थाने को दे-देकर थक चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती है. अमहारा, कंचनपुर,राघोपुर समेत दर्जनों जगहों पर देशी और विदेशी शराब का कारोबार जारी है.
डॉ आनंद कुमार, अमहारा पंचायत के पूर्व मुखिया.
एक माह के अंदर देसी शराब बनाने और बेचे जाने के मामले में काफी बढ़ोतरी हुई है. इस मामले में स्थानीय थाना को सूचना देने के बाद भी शराब माफियाओं पर कोई कार्रवाई नहीं होती. उलटा शराब माफियाओं का मन और बढ़ जाता है. हमलोग दो चार दिनों में मुख्यमंत्री से मिल कर बिहटा में हो रहे शराब के कारोबार के बारे में बतायेंगे.
उप मुखिया गुड्डू कुमार सिंह, दयालपुर-दौलतपुर पंचायत
राघोपुर सहित कई जगहों पर खुलेआम शराब बनाने और बेचे जाने की सूचना पुलिस को देने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं होती है. उलटा शराब बनाने वाले को पता चल जाता है, कि थाने को किसने सूचना दी. इसके बाद शराब माफिया सूचना देने वाले के दरवाजे पर आकर धमकी देते हैं.
अमरनाथ मिश्र, राघोपुर निवासी

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