रीगा (सीतामढ़ी) : जिले के विभिन्न प्रखंडों में प्रदूषित जल से किसानों को हुई क्षति को लेकर बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने रीगा चीनी मिल के एमडी ओमप्रकाश धानुका समेत तीन पर कानूनी शिकंजा कसा है. पर्षद के सहायक अभियंता सुरेश प्रसाद राय के आवेदन पर चीनी मिल के एमडी धानुका के अलावा मिल के मुख्य महाप्रबंधक पीयूष कोटिया व डिस्टिलरी प्रबंधक उदय शंकर द्विवेदी के खिलाफ रविवार को थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है.
इनके खिलाफ भादवि की धारा 308, 304, 291, 268, 269, 270, 277 278, 284 व 287 लगायी गयी है. थानाध्यक्ष संजीत कुमार मामले का अनुसंधान कर रहे हैं. प्राथमिकी में अभियंता ने कहा है कि 12 नवंबर 2016 को पर्षद के सचिव एस चंद्रशेखर ने सहायक वैज्ञानिक पदाधिकारी अरुण कुमार व नमूना संग्राहक नीरज चतुर्वेदी के साथ डिस्टिलरी का औचक निरीक्षण किया. इस दौरान स्थानीय लोगों ने बताया कि प्रदूषित जल काफी जहरीला है. प्रदूषित जल के नमूना की जांच में पता चला कि यह पानी फसल, मवेशी व मानव जाति के लिए जानलेवा है.
इस जल के कारण बेलसंड, रून्नीसैदपुर, परसौनी व रीगा समेत अन्य प्रखंडों में हजारों एकड़ उपजाऊ जमीन बंजर पड़ गयी है. मच्छर के प्रकोप से सैकड़ों लोग बीमार हो रहे हैं. कई मवेशियों की मौत भी हो चुकी है. प्राथमिकी में कहा गया है कि इस जहरीले पानी का बहाव जारी रहा, तो आनेवाले दिनों में भारी तबाही हो सकती है.