मुंबई : नोटबंदी के बाद बैंकिंग प्रणाली में आ रही अतिरिक्त नकद जमा को संभालने के लिए रिजर्व बैंक ने बढ़ी हुई जमा (इंक्रीमेंटल) पर आरक्षित नकदी अपनुपात (सीआरआर) की दर 100 प्रतिशत कर दी है. व्यवस्था यह 26 नवंबर से शुरू होकर एक पखवाड़े तक लागू रहेगा. बैंकों को अपनी जमा का एक हिस्सा केंद्रीय बैंक के पास रखना होता है. उसे सीआरआर कहा जाता है.
फिलहाल सीआरआर की दर चार प्रतिशत है. इस पर बैंकों को केंद्रीय बैंक से कोई ब्याज नहीं मिलता. रिजर्व बैंक के दिशानिर्देशों के अनुसार शुद्ध मांग और समयबद्ध देनदारियां (एनडीटीएल) के 16 सितंबर से 11 नवंबर के दौरान बढ़ने के मद्देनजर अनुसूचित बैंकों को अपनी बढ़ी हुई सीआरआर को 100 प्रतिशत पर रखना होगा.
यह व्यवस्था 26 नवंबर, 2016 से एक पखवाड़े के लिए होगी. एक अनुमान के अनुसार यह राशि 3.5 लाख करोड़ रुपये हो सकती है. रिजर्व बैंक ने कहा कि वह इंक्रीमेंटल सीआरआर की 9 दिसंबर या उससे पहले समीक्षा करेगा. नियमित सीआरआर दर चार प्रतिशत पर कायम है.
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